रेलवे की ‘मिल्क वैन’ राज्यों में पहुंचाएगी दूध

रेलवे की मिल्क वैनलखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने इंडियन रेलवे कोच फैक्ट्री में मिल्क वैन तैयार की है| रेलवे की मिल्क वैन देश के कोने-कोने में अब ताजा दूध आसानी से पहुंचाएगी।

यह मिल्क वैन देश के विभिन्न भागों में दूध पहुंचाएगी। आरडीएसओ की इस टीम का दावा है कि इस ट्रेन की स्पीड राजधानी एक्सप्रेस के बराबर रहने की उम्मीद है।

आरडीएसओ की टीम की माने तो इस मिल्क वैन का ट्रायल शुरू कर दिया गया है और यह 29 अगस्त तक चलेगा। वर्तमान में गुजरात व पूर्वोत्तर के विभिन्न भागों में रेल के माध्यम से ही दूध भेजा जाता है।

आरडीएसओ के अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में दूध लेकर जाने वाली वैन को मालगाड़ी का दर्जा प्राप्त है, जिसकी अधिकतम रफ्तार 75 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है। देश के एक कोने से दूसरे कोने में दूध पहुंचाने में इससे कई दिन लगते थे। इससे दूध खराब होने की संभावनाएं अधिक होती थी। इसीलिए अब दूध को लेकर जाने वाली वैन को मालगाड़ी का दर्जा देने की बजाय राजधानी का दर्जा देने की योजना बनाई गई है।

यह आधुनिक मिल्क वैन इंडियन रेलवे कोच फैक्ट्री ने तैयार की है। इसका नाम ‘मिल्क टैंक वैन- वीवीएच वन’ रखी गई है। एक वैन में लगभग 44 हजार लीटर दूध ले जाने की क्षमता होगी।

आरडीएसओ स्थित परीक्षण निदेशालय के संयुक्त निदेशक ओमप्रकाश चौबे, इसकी अगुवाई कर रहे हैं। उनकी टीम का दावा है कि मिल्क वैन अपने आप में एक अनूठी पहल है।

चौबे ने कहा कि अभी मिल्क वैन का ट्रायल अलग-अलग स्पीड पर हो रहा है। अभी इसमें कई तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है। इसके बाद ही इसे चलाने का फैसला किया जाएगा।

टीम के मुताबिक, इस मिल्क वैन की स्पीड धीरे धीरे बढ़ाकर 120 केएमपीएच तक ले जाई जाएगी। इसकी गति 120 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा केएमपीएच तक रखे जाने की उम्मीद है।

अपर मंडल रेल प्रबंधक संजीव मिश्र ने केवल इतना बताया कि मिल्क वैन का ट्रायल आरडीएसओ ने शुरू कर दिया है। परीक्षण के बाद ही इसका सही अंदाजा लग पाएगा।

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