रेप केस में फंसे पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर बरी, पीडिता बोली फैसले के खिलाफ जाउंगी हाईकोर्ट

जयपुर: दुष्कर्म के आरोप में फंसे राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को आज कोर्ट ने रिहा करने का फैसला सुनाया है नागर लंबे समय से जेल में बंद थे।

नागर गहलोत सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके है।

नागर के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद अक्टूबर 2013 में इस पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर  जेल भेज दिया गया था दुष्कर्म के इस चर्चित मामले में अभियोजन और मुल्जिम पक्ष की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय की ओर से सोमवार को फैसले की तारीख तय की गई थी।

जिसमें यह फैसला सुनाया गया है। जानकारी के अनुसार नागर को सभी प्रकार के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।

गौरतलब है कि एक महिला ने तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल नागर पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कहा था कि मंत्री ने उसे अपने सरकारी बंगले में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है एवं उसके साथ मारपीट की है।

जिसपर महिला ने पुलिस में शिकायत की थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई जरूरी कदम न उठाने के कारण महिला ने कोर्ट में इस्तगासा दायर कर मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।

डीएनए जांच में महिला के कपडों पर मिला सीमन बाबूलाल नागर के सीमन से मैच हो गया था जिसके बाद तत्कालीन मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पीड़िता ने कोर्ट व्यवस्था पर लगाये गंभीर आरोप

बाबूलाल नागर के पक्ष में फैसला आने के बाद पीड़िता ने कोर्ट की व्यवस्था और बाबूलाल नागर व उनकी टीम के खिलाफ गंभीर आरोप लागए है पीड़िता ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि मुझे पहले से ही पता था कि नागर को बरी कर दिया जाएगा।

पीड़िता ने कहा कि उसे कुछ दिन से धमकियां मिल रही थीं, कि मैं लिखकर दे दूं, लेकिन मैंने कुछ भी लिखने से इनकार कर दिया मुझे धमकी में कहा गया था कि कोर्ट में जांचें चलती रहती हैं। हमारी डील हो गई है, इसलिए फैसला नागर के पक्ष में ही आएगा।

पीड़िता ने कहा मुझे इस कोर्ट से न्याय की उम्मीद भी नहीं थी, इसलिए मैंने जिला एवं सत्र न्यायालय में लिखित में आवेदन दिया था कि मेरा केस शिफ्ट कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वही दूसरी ओर नागर के वकील ने पीड़िता पर ब्लैकमेलर होने का आरोप लगाया है जिसपर पीड़िता कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

मीडिया ने जब पीड़िता से पूंछा कि अब वो क्या करेंगी तो पीड़िता ने कहा कि मै इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करूंगी क्योकि मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

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