अवैध कारखानों के संचालन पर बुरे फंसे केजरीवाल, फिर उड़ी खिल्ली

केजरीवालनई दिल्‍ली। रिहायशी इलाकों में स्थित अवैध औद्योगिक इकाईयों के खिलाफ यहां के एक निवासी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार और अन्य से जवाब मांगा। एनजीटी ने ऐसी इकाइयों को पहले भी बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली जल बोर्ड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और अन्य को नोटिस जारी करके 15 मई से पहले जवाब देने को कहा है। अधिकरण दरियागंज निवासी मोहम्मद शारिक द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

शारिक ने इलाके में स्थित अवैध कारखानों के खिलाफ कार्रवाई और ऐसी इकाईयों को सील करने की मांग की है। साथ ही ऐसी अनधिकृत इकाईयों का संचालन करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गयी।

इसमें दावा किया गया है कि दिल्ली के लोक शिकायत आयोग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड,  उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी किये गये कई पत्रों के बावजूद अवैध कारखानों का संचालन नहीं रूका है।

यहां आवासीय क्षेत्र में चल रहे अवैध औद्योगिक इकाईयों के खतरे से नाराज एनजीटी ने पूर्व में केन्द्र और दिल्ली सरकार को तत्काल ऐसी सभी अवैध इकाईयों को बंद करने का निर्देश दिया था।

हरित अधिकरण ने गैर अनुरूप क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयों को बंद करने को लेकर उच्चतम न्यायालय के 2004 के आदेश को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था और बीएसईएस और दिल्ली जल बोर्ड को ऐसी इकाईयों में तत्काल बिजली पानी की आपूर्ति बंद करने का निर्देश दिया था।

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