रियो में रूस पर बैन के खिलाफ उठी आवाज़

रियो ओलम्पिकजेनेवा| अंतर्राष्ट्रीय जिमनास्टिक्स महासंघ (एफआईजी) ने सोमवार को रियो ओलम्पिक खेलों में रूस के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगने की आशंका पर चिंता जाहिर की है। समाचार एजेंसी तास के अनुसार, यूरोपियन ओलम्पिक समिति (ईओसी) के अध्यक्ष पाट्रिक हिक्की सहित कई विदेशी मीडिया सूत्रों ने पिछले सप्ताह घोषणा करते हुए बताया कि रूस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अपील से एक पत्र सभी खेल संगठनों और संघों को भेजा गया है। इसमें खेल अधिकारी भी शामिल हैं।

रियो ओलम्पिक : रूस पर पूर्ण प्रतिबन्ध

एक बयान में कहा गया, “एफआईजी पूर्ण रूप से आईओसी की ‘डोपिंग में शून्य सहिष्णुता’ की नीति के समर्थन में है और इसका मानना है कि रूस के सभी एथलीटों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।”

इस बयान में कहा गया कि आर्टिस्टिक जिमनेस्टिक्स, रिदमिक जिमनास्टिक्स और ट्रैम्पोलिन एथलीटों को अन्य खेलों के आधार पर नहीं मापना चाहिए। एफआईजी के एथलीटों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले तथ्यों को जरूरी तौर पर पेश किया जाना चाहिए और इसमें डोपिंग के अपराधों का साबित होना जरूरी है।

समाचार एजेंसी तास के अनुसार, कनाडा के वकील रिचर्ड मैक्लारेन के नेतृत्व वाले वाडा स्वतंत्र आयोग सोची में आयोजित हुए शीतकालीन ओलंपिक खेलों-2014 में डोपिंग से संबंधित धोखाधड़ी पर एक रिपोर्ट देर सोमवार को अपने बयान में एफआईजी के अध्यक्ष ब्रूनो ग्रेंडी ने कहा कि हर एथलीट के अधिकारों का सम्मान जरूरी है। ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेना हर एथलीट का सबसे अहम लक्ष्य होता है। इसके लिए वह कभी-कभी अपने युवा जीवन का त्याग भी कर देते हैं। ब्रूनो ने कहा कि पूर्ण रूप से प्रतिबंध कभी नहीं लगना चाहिए।

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