रियो ओलम्पिक : किस्मत ने नहीं दिया साथ, वाल्‍ट में पदक से चूकीं दीपा 

रियो ओलम्पिकरियो डी जनेरियो| रियो ओलम्पिक में भारत की दीपा करमाकर रविवार को वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं। वह महज कुछ अंकों के साथ कांस्य पदक से चूक गईं। दीपा ने पहले प्रयास में 8.666 और दूसरे प्रयास में 8.266 अंक हासिल किए। दीपा ने पहले प्रयास में 6 डिफिकल्टी और दूसरे प्रयास में सात डिफिकल्टी चुना था।

इस तरह उन्होंने पहले प्रयास में 14.866 और दूसरे प्रयास के लिए 15.266 अंक पाए, जिसका औसत 15.066 बना। दीपा ने अपने दोनों ही प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन किया।

रियो ओलम्पिक में इतिहास रचने से चूका भारत

दूसरे प्रयास में सात डिफिकल्टी के साथ दीपा ने अगर थोड़ा और बेहतर प्रदर्शन किया होता और अपनी लैंडिंग को सही तरीके से अंजाम दिया होता उनका स्कोर 8.5 से ऊपर होता और तब उस स्थिति में वह कांस्य की दौड़ में आ जातीं।

एक समय दीपा दूसरे स्थान पर चल रही थीं लेकिन रूस की मारिया पेसेका और फिर ओलम्पिक तथा विश्व चैम्पियन अमेरिका की सिमोन बाइल्स ने उनसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए उन्हें चौथे स्थान पर खिसका दिया।

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बाइल्स ने 15.966 अंकों के साथ स्वर्ण जीता जबकि पेसेका ने 15.253 अंकों के साथ रजत और स्विटजरलैंड की गुलिया एस. 15.216 अंकों के साथ कांस्य जीतने में सफल रहीं।

बाइल्स ने सबसे अंत में प्रदर्शन किया। उनका प्रदर्शन अगर खराब होता तो फिर दीपा के लिए उम्मीदें बन सकती थीं लेकिन बाइल्स का जन्म ही शायद जिमनास्टिक की दुनिया में राज करने के लिए हुए है और इसको सही साबित करते हुए उन्होंने पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद तो दीपा के लिए कोई उम्मीद नहीं रह गई क्योंकि वह चौथे स्थान पर खिसक चुकी थीं।

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बहरहाल, पदक जीतने वाली खिलाड़ियों के अलावा दीपा ही 15 अंकों से आगे बढ़ सकीं। किस्मत उनके साथ नहीं थी, नहीं तो वह स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के लिए ऐतिहासिक पदक जीत सकती थीं।

दीपा ने अपने पहले ओलम्पिक में ही वॉल्ट के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचा है और अब फाइनल में हिस्सा लेने वाली आठ दिग्गजों के बीच वह चौथे स्थान पर रहीं। यह उनके तथा भारतीय जिमनास्टों के लिए महान सफलता है।

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