मेघालय राजभवन मामले में रिजिजू का जांच से इनकार

रिजिजूशीलांग। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने रविवार को मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन पर लगे ‘अनुचित व्यवहार’ के आरोपों की जांच से इनकार किया है। उल्लेखनीय है कि षणमुगनाथन को इसके चलते राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा है।

पहली बार आयोजित नॉर्थईस्ट इनवेस्ट समिट के पहले संस्करण से इतर रिजिजू ने कहा, “अब तक राज्यपाल के खिलाफ सबूत जैसा कुछ नहीं मिला है। हमारे हाथ (केंद्र सरकार) में कुछ नहीं है।”

रिजिजू ने कहा कि षणमुगनाथन ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया।

रिजिजू ने कहा, “सरकार इस मामले पर जांच बिठाएगी कि नहीं, इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। अभी इस संबंध में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।”

मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने इससे पहले कहा था कि वह इस मामले में केंद्र सरकार से विचार-विमर्श कर रहे हैं।

राजभवन के 100 के करीब कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय तथा राष्ट्रपति भवन को पांच पन्नों का एक पत्र भेजकर राज्यपाल को पद से हटाने की मांग की थी। पत्र में आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल ने ‘राजभवन को यंग लेडीज क्लब में तब्दील’ कर दिया है।

षणमुगनाथन के राज्यपाल पद ग्रहण करने के बाद से ही राजभवन के कर्मचारी बुरे बर्ताव, मानसिक तनाव और प्रताड़ना की शिकायत कर रहे थे।

अंग्रेजी के एक अखबार ने एक महिला के हवाले से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें महिला ने राज्यपाल पर उसे जबरन बांह में भरने और चूमने का आरोप लगाया गया था। अखबार में मामला सामने आने के बाद राजभवन के कर्मचारी भी खुले तौर पर विरोध में उतर आए।

उल्लेखनीय है कि कथित तौर पर पीड़ित महिला राजभवन में जनसंपर्क अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार के लिए चयनित सात अभ्यर्थियों में से एक थी।

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