राष्ट्रीय नदी गंगा को निर्मल व अविरल बनाने को लेकर नेशनल मिशन फार क्लीन ने तैयार किया जियोडेटिक रिसर्च डाटा
राष्ट्रीय नदी गंगा को निर्मल व अविरल बनाने को लेकर नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत गोमुख से लेकर गंगासागर तक जियोडेटिक रिसर्च डाटा तैयार किया जाएगा। जियोडेटिक रिसर्च डाटा तैयार करने व अध्ययन करने की जिम्मेदारी सर्वे आफ इंडिया की जियोडेटिक रिसर्च शाखा के वैज्ञानिकों को सौंपी गई।
अध्ययन को लेकर नमामि गंगे परियोजना के तहत 86 करोड़ का बजट भी जारी किया है। यह जानकारी सर्वे आफ इंडिया के जियोडेटिक रिसर्च शाखा के निदेशक एसके सिंह ने सेमिनार में संबोधित करते हुए दी।
निदेशक डॉ. एसके सिंह ने बताया कि जियोडेटिक रिसर्च डाटा तैयार करते समय गोमुख से लेकर गंगासागर तक नदी के किनारों की आबादी को चिन्हित करने के साथ ही प्रदूषण के कारणों का भी अध्ययन किया जाएगा।
सर्वे के दौरान गोमुख से लेकर गंगासागर तक नदी के उन स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जहां नदी सबसे अधिक प्रदूषित है। इसके कारणों का भी अध्ययन किया जाएगा। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम नदी के जल का अध्ययन करने के साथ ही जीआईएस डाटा भी तैयार किया जाएगा।
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