एमपी के मंत्री की राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की याचिका रद्द

राष्ट्रपति चुनाव मेंनई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा की 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की याचिका रद्द कर दी।

मिश्रा को 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज पर खर्च की गई राशि का ब्योरा न देने को लेकर निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया था।

न्यायाधीश मुरलीधर और न्यायाधीश प्रतिभा सिंह की सदस्यता वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली मिश्रा की याचिका खारिज कर दी। एकल पीठ ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

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एकल पीठ ने शुक्रवार को उनकी उस याचिका को भी खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने अपने चुनाव खर्च के ब्योरे में पेड न्यूज पर खर्च हुई राशि का खुलासा नहीं करने के कारण निर्वाचन आयोग द्वारा 23 जून को अयोग्य घोषित किए जाने और तीन वर्षो तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मिश्रा को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से कोई अंतरिम राहत न मिलने के बाद उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाने का निर्देश दिया था।

मिश्रा ने अपनी याचिका की उच्च न्यायालय या फिर खुद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ही सुनवाई के लिए शीर्ष न्यायालय से गुहार लगाई थी, ताकि वह 17 जुलाई को होने वाले चुनाव में शामिल हो सकें।

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शीर्ष न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले के फैसले का इस बात पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा कि मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रहेगी या नहीं और वह राष्ट्रपति चुनाव में वोट दे पाएंगे या नहीं।

निर्वाचन आयोग ने मिश्रा को 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मीडिया में पेड न्यूज पर हुए खर्च का ब्योरा न देने को लेकर अयोग्य घोषित करते हुए कहा था कि यह ‘पेड न्यूज का गंभीर’ मामला है जो चुनावी परिदृश्य में ‘खतरनाक स्तर’ पर बढ़ रहा है।

निर्चाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि पांचों हिंदी समाचार पत्रों में जो 42 समाचार प्रकाशित हुए थे, वे सभी मिश्रा के पक्ष में झुके हुए थे।

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