रायबरेली में जिला चिकित्सालय की लापरवाही से दूषित हो रहा पर्यावरण

सौरभ शुक्ला

रायबरेली। रायबरेली जिला चिकित्सालय पर्यावरण का जानी दुश्मन बन गया है। चिकित्सालय प्रशासन का पर्यावरण के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आया है। आज हम आपको एक ऐसा वीडियो दिखाने जा रहे हैं जिसमें रायबरेली के स्वास्थ्य महकमे के गैर जिम्मेदाराना रवैयै साफ देखा जा सकता है।

केंद्र और प्रदेश की सरकारें स्वास्थ्य महकमे को सुधरने की चाहें जितनी नसीहत दें लेकिन चिकना घड़ा बन चुके स्वास्थ्य विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। फिर चाहें वो आम आदमी की बढ़ती मुसीबतों से जुड़ा ही क्यों न हो।

रायबरेली के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का आलम ये है कि यहां जिला चिकित्सालय अस्पताल की एक्सपायर दवाओं को जबरिया फेंक देता है। ये तस्वीरें इसकी तस्दीक करती हैं।

दरअसल रायबरेली जिले में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र में घरों से निकलने वाले कचरे को साफ़ करके खाद बनाने का काम होता है। जिसमें सिर्फ घरेलु कचरा ही उपयोग में लिया जा सकता है। बावजूद इसके जिला चिकित्सालय और जिला महिला चिकित्सालय में एक्सपायर हुई दवाओं के साथ-साथ निडिल और सिरिंज नगर पालिका की गाड़ियों के जरिए जबरन प्लांट प्रबंधन पर फेंका जा रहा है। जो पूरी तरह से हानिकारक है।

प्लांट प्रबंधन की मानें तो नगर पालिका की गाड़ियों से आने वाले कचरे की गाड़ियों में अक्सर मेडिकल वेस्ट आता रहता है। जो इस प्लांट के लिए पूरी तरह से हानिकारक है। इस बाबत नगर सुरक्षा अधिकारी से कई बार शिकायत की गई तो उन्होंने मेडिकल वेस्ट फेंकने की वजह स्वास्थ्य विभाग का दबाव बताया।

नगर सफाई निरीक्षक का कहना है कि उनके जरिए केवल घरेलू कचरे को ही उठाने का आदेश है लेकिन सीएमओ ऑफिस और जिला चिकित्सालय से दबाव आता रहता है। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर कई बार चिठ्ठी लिखी गई लेकिन हर बार नतीजा सिफर ही रहता है।

जिला चिकित्सालय के सीएमएस का कहना है कि मेडिकल वेस्ट नगर पालिका के द्वारा उठाने को सख्त मनाही है। और मैनेजमेंट पर फेंका गया मेडिकल वेस्ट जिला चिकित्सालय का है ही नहीं। उन्होंने इन दवाओं की जिला चिकित्सालय में उपलब्धता होने से ही इनकार कर दिया। लेकिन वीडियो के सामने आने के बाद सीएमएस साहब का झूठ सामने आ गया है।

 

 

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