राम मंदिर फैसले की घड़ी नजदीक, अनहोनी से बचने के लिए चाक चौबंद हुई सुरक्षा व्यवस्था

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की घड़ी नजदीक आते ही देशभर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किए जाने के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के वक्त संघ देशभर में अपने शीर्ष स्वयंसेवकों की तैनाती करेगा जो लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करेंगे। फैसले के बाद सरसंघचालक मोहन भागवत या सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी देश को संबोधित भी कर सकते हैं।

राम मंदिर फैसला

सूत्रों के अनुसार, संघ अयोध्या मामले पर बहुप्रतीक्षित फैसले से निपटने के लिए अपने मीडिया और लोगों तक पहुंच की रणनीति को अंतिम रूप देने में व्यस्त है। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द फैसले की उम्मीद में संघ देशभर में अपने शीर्ष नेतृत्व की तैनाती के संदर्भ में विस्तृत योजना को अंतिम रूप दे रहा है।

मोहन भागवत करेंगे जनता को संबोधित-

एक वरिष्ठ संघ पदाधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यह निर्भर करेगा कि मीडिया के जरिए संघ प्रमुख भागवत संबोधित करेंगे या फिर भैयाजी जोशी। फैसले का स्वागत करने के साथ ही संघ नेता समाज के सभी वर्गों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करेंगे और अपने-अपने इलाकों में हालात की निगरानी भी करेंगे।

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संघ पहले ही अपने स्वयंसेवकों को यह हिदायत दे चुका है कि अयोध्या मामले का फैसले पक्ष में आने पर वे केवल घर के अंदर और मंदिरों में ही जश्न मनाएं। इसी तरह से फैसला खिलाफ आने पर शांति बनाए रखने को कहा है।

सूत्रों का कहना है कि अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले से निपटने को लेकर संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच व्यापक चर्चा हुई है। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे। पिछले कई चुनावों में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा के प्रमुख वादों में से एक रहा है। इस मुद्दे का संघ भी पुरजोर समर्थन करता रहा है।

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