राज्यसभा चुनाव : मप्र में कांग्रेस को राहत, भाजपा को झटका 

राज्यसभा चुनावभोपाल| राज्यसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 11 जून को होने वाले मतदान से पहले गुरुवार का दिन कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तन्खा को राहत देने वाला रहा, तो भाजपा को जोर का झटका लगा। उच्च न्यायालय ने जहां नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को मतदान के लिए डाक मतपत्र मुहैया कराने का आदेश दिया, वहीं भाजपा विधायक राजेंद्र मेश्राम की मतदान की अनुमति चाहने वाली याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। साथ ही कांग्रेस विधायक रमेश पटेल को मतदान के लिए जमानत मिल गई है।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच खींचतान

राज्यसभा चुनाव में एक-एक वोट के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच खींचतान है। भाजपा के दो उम्मीदवारों की जीत तय है, वहीं वह निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देकर कांग्रेस का रास्ता रोकने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस उम्मीदवार तन्खा को सिर्फ एक वोट की जरूरत थी और बसपा का समर्थन मिलने से जीत मुश्किल नहीं है। बसपा के चार विधायक हैं। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी विनोद गोटिया को आठ वोट की आवश्यकता है।

जबलपुर उच्च न्यायालय की एकल खंडपीठ ने गुरुवार को चुनाव आयेाग को मुंबई में इलाज करा रहे नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को मतदान के लिए डाक मतपत्र जारी करने का आदेश दिया।

कटारे का इन दिनों मुंबई में इलाज चल रहा है। वे भोपाल आकर राज्यसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की स्थिति में नहीं हैं। चुनाव आयोग द्वारा कटारे को डाक मतपत्र जारी करने से इनकार किए जाने के बाद कांग्रेस ने उच्च न्यायालय जबलपुर का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एस.के.गंगेले ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह कटारे के लिए डाक मतपत्र जारी करे।

इसी तरह दुष्कर्म के आरोप मे जेल में बंद बड़वानी के कांग्रेस विधायक रमेश पटेल को उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने मतदान के लिए जमानत दे दी है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने चर्चा के दौरान कटारे को डाक मतपत्र जारी किए जाने और पटेल को मतदान के लिए जमानत मिलने की पुष्टि की।

भाजपा के विधायक राजेंद्र मेश्राम का चुनाव उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में अमान्य घोषित किया जा चुका है। मेश्राम ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका के जरिए राज्यसभा में मतदान की अनुमति भी मांगी थी, मगर सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

राज्य से राज्यसभा के लिए तीन सदस्यों का निर्वाचन होना है। एक उम्मीदवार की जीत के लिए 58 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। राज्य विधानसभा में कुल 230 विधायक है, इनमें से भाजपा के 166 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित) हैं। इस तरह भाजपा के दो अधिकृत उम्मीदवारों अनिल माधव दवे व एम.जे.अकबर की जीत तय है और तीसरी सीट जीतने के लिए उसे आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं और उसे एक वोट की जरूरत है। उसके दो विधायकों के मतदान में हिस्सा लेने पर संशय था, मगर उच्च न्यायालय का फैसला उनके पक्ष में आ गया है, वहीं बसपा ने तन्खा को समर्थन देकर उनकी स्थिति और मजबूत कर दी है।

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