एसबीआई : आय घोषणा योजना की वजह से हुई राजस्व संग्रह में वृद्धि

राजस्व संग्रह में वृद्धिनई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के आर्थिक विकास दर का 7.8 फीसदी का आधिकारिक अनुमान वास्तविक नहीं था, जबकि राजस्व संग्रह में वृद्धि आय खुलासा योजना की सफलता को दर्शाती है। ऐसा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक थिंकटैंक ने कहा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के अग्रिम आंकड़े और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी कर संग्रहण के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते एसबीआई के इकोरैप ने कहा कि वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए सीएसओ का 7.1 फीसदी अनुमान वास्तव में क्रमश: 6.1 फीसदी और 7.8 फीसदी रहेगा।

थिंकटैंक ने यह भी कहा कि अतीत में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि दो तिमाहियों के बीच 1.7 फीसदी की बढ़त आ गई हो। ऐसा केवल वित्त वर्ष 2012-13 के पहली और दूसरी तिमाही के बीच हुआ था, लेकिन वह आधार वर्ष में परिवर्तन के कारण हुआ था।

थिंकटैंक ने कहा, “पिछले आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाना खतरनाक हो सकता है।”

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए थिंकटैंक ने कहा, “हमारा मानना है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में हाल के दिनों में हुई वृद्धि स्पष्ट रूप से आय घोषणा योजना की सफलता को दर्शाता है।”

थिंकटैंक ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर में हुई वृद्धि आय खुलासा योजना के कारण ही हुई है। हालांकि थिंकटैंक ने यह भी कहा है कि योजना के तहत घोषित आय पर 45 फीसदी कर वसूलने से कर संग्रहण में 16.7 फीसदी या 2.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।

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