राजस्थान : 8 वर्ष की जगह अब लोकायुक्त का कार्यकाल होगा 5 वर्ष का !

राजस्थान में लोकायुक्त का कार्यकाल घटा दिया गया है. अब राजस्थान में लोकायुक्त का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा. इससे पहले लोकायुक्त की नियुक्ति 8 वर्ष के लिए होती थी.

राजस्थान विधानसभा में यह बिल पारित कर दिया गया है. यह प्रस्ताव राजस्थान सरकार में ऊर्जा मंत्री बुलाकी दास कल्ला की पहल पर लाया गया है.

राज्य विधानसभा ने राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2019 को सोमवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से ऊर्जा मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया.

विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 की धारा 5 में संशोधन द्वारा लोकायुक्त की पदावधि पांच वर्ष से बढ़ाकर आठ वर्ष की गई थी, लेकिन देश के अधिकतर राज्यों में लोकायुक्त पांच वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करता है.

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यक्रम के दौरान कहा- ‘वे लोगों के हाथ में पैसा देना चाहती हैं, ताकि क्षमता बढ़े’ !

 

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सरकार इसके कार्यकाल को 8 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करने के लिए यह विधेयक लाई है.

यह सरकार का अधिकार है कि वह लोकायुक्त का कार्यकाल घटा या बढ़ा सकती है. अधिकतर राज्यों में लोकायुक्त का कार्यकाल पांच वर्ष का ही है.

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को शक्तिशाली बनाने के लिए ही राज्य सरकार यह विधेयक लेकर आई है. उन्होंने देश के लोकपाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब देश के लोकपाल के कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष है.

तो फिर राजस्थान के लोकायुक्त के कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष क्यों नहीं की जा सकती. इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनि मत से अस्वीकार कर दिया.

 

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