राजनीति ही नहीं सिनेमा में भी थी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की रूचि, इस हिरोइन के थे दीवाने

मुंबई.भारतरतन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीति के साथ साथ साह‍ित्य में खास रुच‍ि थी. उन्हें कई मौकों पर उन्होंने हिंदी स‍िनेमा के प्रत‍ि प्रेम को जाह‍िर किया. कम लोग ही जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी को स्क्रीन अवॉर्ड से नवाजा गया था, लेकिन ये अवॉर्ड लेने वो पहुंच नहीं सके थे.

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वाजपेयी जी लिखने-पढ़ने के अलावा फिल्म देखना भी पसंद करते थे और वो भी एक्ट्रेस हेमा मालिनी की फिल्में। अटल जी सांसद हेमा मालिनी के बहुत बड़े प्रशंसक रहे। अटल जी को हेमा मालिनी की 1972 में आई फिल्म सीता और गीता इतनी पसंद आयी थी कि उन्होंने इस फिल्म को 25 बार देखा था। इस बात का खुलासा खुद हेमा मालिनी ने किया था। सीता और गीता के अलावा अटल जी को फिल्म तीसरी कसम से भी खास जुड़ाव रहा।

अटल बिहारी वाजपेयी यूं तो जीवनभर राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त रहे, लेकिन समय मिलने पर वे या तो किताबें पढ़ते या कविताएं लिखते थे या फिर फिल्में देखते थे. अटलजी की सबसे पसंदीदा हिंदी फिल्मों में देवदास, बंदगी और तीसरी कसम शामिल थीं. अंग्रेजी में उनकी फेवरेट फिल्म थी ‘द ब्रिज ऑन द रिवर कवाई’. बॉर्न फ्री और गांधी भी उन्हें पसंद थीं.

अटल बिहारी वाजपेयी के पसंदीदा गाने की बात करें तो ये था ओ रे मांझी. ये फिल्म बंदगी का गाना है. इसे एसडी बर्मन ने कंपोज किया था. मुकेश और लता मंगेशकर का गाया कभी-कभी मेरे मन में भी उनके दिल के करीब था.

 

बॉलीवुड एक्ट्रेसेज में हेमा मालिनी की फिल्म सीता और गीता उन्हें इतनी पसंद आई कि इसे उन्होंने 25 बार देखा था. इस बात का खुलासा खुद बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने एक कार्यक्रम के दौरान किया था. उनकी कव‍िताओं को बॉलीवुड के कई द‍िग्गजों ने अपनी आवाज दी. जब वे प्रधानमंत्री बने उस दौर में उनकी कविताओं पर कई म्यूजिक एल्बम बनाये गए. इन एलबम को लता मंगेशकर, गजल गायक जगजीत स‍िंह, हरिहरन, पद्मजा जग और शंकर महादेवन ने आवाज दी.

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जगजीत स‍िंह ने अटलजी की कव‍िताओं को एलबम ‘नई दिशा’ में ल‍िया था. 1999 में आए इस एलबम को बेस्ट नॉन फिल्म ल‍िर‍िक्स कैटेगरी में स्क्रीन अवॉर्ड दिया था. अटल जी राजनेता होते हुए मनोरंजन जगत का यह अवॉर्ड पाने वाले पहले व्यक्ति थे. लेकिन व्यस्तता के चलते वे इस समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे. बाद में उन्हें उनके आवास पर इस सम्मान से नवाजा गया.

इसके बाद साल 2002 में जगजीत स‍िंह ने ‘संवेदना’ एलबम में अटल बिहारी की कविताओं को अपनी आवाज से सजाया. इस एलबम को यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था. शाहरुख खान ने इसमें अभ‍िनय किया था. इसमें अमिताभ बच्चन ने भी अपनी दी थी. जगजीत ने एल्बम में 8 कविताओं को गाया था.

अटल बिहारी की संग्रह ‘मेरी इक्यावन रचनाएं’ की कुछ कविताओं को लता मंगेशकर ने अंतर्नाद में गाया. इसमें क्या खोया क्या पाया भी शामिल थी, जिसे पहले जगजीत संवेदना में गा चुके थे.

अटल ब‍िहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को न‍िधन हो गया.

 

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