राजधानी लखनऊ का बहुचर्चित पिकअप भवन अग्निकाण्ड मामले में एक गिरफ्तार

रिपोर्ट-सैय्यद अबू तलहा/लखनऊ

राजधानी लखनऊ का बहुचर्चित पिकअप भवन अग्नि काण्ड. जिसमे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ स्वयं मामले को गम्भीरता से लेते हुए सख्ती दिखाई थी और जल्द से जल्द मामले का खुलासा करने का आदेश दिया था.

सीएम के फरमान के बाद बड़े से छोटे अफसर मामले कि छानबीन में जुट गए.मामले की जांच के लिए कई टीमे गठित की गई . आखिरकार एक सप्ताह बाद जांच करने वाली टीम को सफलता मिल ही गयी.

पिकअप भवन अग्निकांड

पिकप भवन में लगी आग की साजिश में बुधवार शाम विभूतिखंड पुलिस ने सीनियर टेक्निकल मैनेजर एनके सिंह को गिरफ्तार कर लिया… पुलिस कि  माने तो आग की लपटें एनके सिंह के कक्ष से ही उठी थीं.

सीसीटीवी फुटेज और बायोमीट्रिक पंचिंग रिकॉर्ड की छानबीन के बाद एन के सिंह को पकड़ा गया है. मामले में दो अन्य संदिग्ध डिप्टी मैनेजर कंप्यूटर व डिप्टी मैनेजर फाइनेंस के खिलाफ भी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं.जल्द ही उन दोनों पर भी कार्यवाही की जाएगी ।

तीन जुलाई करीब 7 बजे पिकअप भवन में आग लग गई थी. आग कैसे लगी किसी को भी नही पता था और न ही आग लगने का कारण. आग लगने से हड़कंप मच गया. यहां तक कि सीएम तक बात पहुच गयी.

बताया जा रहा है कि आग लगने से कई अहम कागजात जल गए जो कि बड़े काले कारनामो के सुबूत थे जिसके आधार पर कई सफेद पोश और अधिकारि बेनकाब हो सकते थे. सीओ गोमतीनगर अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विवेचक रमेश चंद्र पांडेय ने अग्निकांड से ठीक पहले के सीसीटीवी फुटेज निकलवाए.

इसमें सीनियर मैनेजर एनके सिंह की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं. फुटेज में सिंह शाम 6.07 बजे ऑफिस से जाते वक्त बायोमीट्रिक पंचिंग डिवाइस के पास जाकर पंच करते दिखे, लेकिन हकीकत में उन्होंने पंच नहीं किया.

बायोमीट्रिक रिकॉर्ड में उस वक्त उनका पंच नहीं पाया गया. यानी वह पंचिंग डिवाइस के पास जाकर अंगुली लगाने का नाटक सिर्फ सीसीटीवी कैमरे में दिखाने को कर रहे थे.

शाम 6.12 बजे उन्होंने पंच आउट किया, लेकिन उस वक्त सीसीटीवी कैमरा बंद हो चुका था.इससे यह साफ नहीं हो पा रहा कि वह वाकई पिकप भवन से बाहर चले गए थे या फिर कैमरे को धोखा देने के लिए उन्होंने बाहर जाने का नाटक किया.उनके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली गई तो अग्निकांड के वक्त वह पिकप भवन के आसपास ही मिले.. एनके सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

आग लगने ऑफिस के अंदर रखे सारे जरूरी कागजात जल कर खाक हो गए. पुलिस का कहना है कि एनके सिंह के कक्ष में महत्वपूर्ण पत्रावलियां रखी थीं. उन्होंने इन्हें जलाकर अनैतिक व व्यक्तिगत लाभ लेने या किसी को लाभ दिलाने का प्रयास किया है.

मामले में डिप्टी मैनेजर कंप्यूटर नरेंद्र कुरील और डिप्टी मैनेजर फायनेंस मनोज कुमार गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है.अग्निकांड के मामले में गुजरात से आई फायर फॉरेंसिक टीम ने रिपोर्ट दे दी है.

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वहीं लखनऊ की फॉरेंसिक टीम ने एनके सिंह के कक्ष से ही आग लगने की पुष्टि की है. हालांकि, कई और रिपोर्ट आनी बाकी हैं. कुछ नमूने दिल्ली की विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भी भेजी गई हैं.

लखनऊ और दिल्ली से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.पुलिस का कहना है कि जल्द ही बाकी रिपोर्ट आ जायेगी और घटना में शामिल अन्य लोगो पर भी कार्यवाही की जाएगी ।

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