शिशु बालगृह में मचा कोहराम, 14 बच्चे हुए घायल

राजकीय शिशु बालगृहलखनऊ। प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय शिशु बालगृह में रेलवे चाइल्ड लाइन के रखाए किशोर ने बुधवार को खूब उत्पात मचाया। उसने बालगृह के करीब 14 बच्चों पर धावा बोल उनके साथ मारपीट की। यही नहीं किशोर ने बालगृह में तोड़फोड़ भी की। उसे संभालने के लिए आगे आईं बालगृह की अधीक्षिका आरती सिंह पर भी उसने हमला कर दिया। आनन-फानन में पूरे स्टाफ ने उसे पकड़कर अहसास संस्था के लोगों को बुलाया। इस दौरान अधीक्षिका द्वारा किशोर से पूछताछ किए जाने पर उसने अपनी उम्र 13 वर्ष बताई। यह जानने के बाद अधीक्षिका के होश उड़ गए। सच्चई छिपाने के लिए उन्होंने अहसास संस्था की टीम को जमकर फटकार लगाई और उसे मोहान रोड स्थित राजकीय बालक बालगृह ले जाने के लिए कहा। अधीक्षिका आरती सिंह ने कहा कि शिशु गृह संस्था बेहद संवेदनशील है। यहां दस वर्ष तक व नवजात बच्चों को ही रखा जाता है। ऐसे में झूठी उम्र बताकर इनके बीच किसी किशोर को रखवाना बेहद गंभीर मामला है।

राजकीय शिशु बालगृह में उत्पात माचाने वाले को माँ ने किया पहचानने से इनकार

अधीक्षिका आरती सिंह ने किशोर को घर भेजने के लिए उसके बताए नंबर पर कॉल की। फोन उसकी मां ने उठाया। किशोर की मां ने बताया कि वह कई बार घर से भाग चुका है। इसीलिए अब वह उसे अपने पास नहीं रखना चाहतीं।

क्या है अहसास संस्था: एहसास संस्था के तहत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के रेलवे चाइल्ड लाइन प्रोजेक्ट को चलाया जा रहा है। जिसके तहत रेलवे स्टेशन पर मिलने वाले लावारिस बच्चों को बालगृहों में आश्रय दिलाया जाता है।

पहला नहीं है मामला: एहसास संस्था द्वारा मोती नगर स्थित लीलावती मुंशी बालिका बालगृह में पिछले वर्ष बबिता नाम की किशोरी को रखवाया था। जिसने परिसर में गाली-गलौज व कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। बालगृह प्रशासन को मजबूरन उसे जंजीरों से बांधकर रखना पड़ा था। वहीं हाल ही में अहसास ने एक और किशोरी को यहां पर भेजा। जिसने परिसर में जमकर उत्पात मचाया। दोनों किशोरियों को बालगृह प्रशासन ने उनके परिजनों से सम्पर्क कर उनके सुपुर्द कर दिया।

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