योग दिवस पर ‘ओम’ का जाप नहीं है अनिवार्य

योग दिवसनई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र से पहले ‘ओम’ और अन्य वैदिक मंत्रों का जाप अनिवार्य नहीं बल्कि ऐच्छिक है।

योग दिवस पर ओम

आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल कुमार गनेरीवाला ने कहा कि योग सत्र से पहले ‘ओम’ का जाप करने की बाध्यता नहीं है। यह बिल्कुल ऐच्छिक है, कोई चुप भी रह सकता है। कोई इस पर आपत्ति नहीं करेगा। गनेरीवाला का यह बयान केंद्र सरकार के परिपत्र के बाद आया है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र से 45 मिनट पहले ‘ओम’ और कुछ वैदिक मंत्रों के जाप का प्रस्ताव है।

इस मामले में मीडिया रिपोर्टों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विवादास्पद बनाने का प्रयास बताते हुए उन्होंने कहा कि यद्यपि ‘ओम’ का उच्चारण योग का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाने का कोई नियम नहीं है। गनेरीवाला ने कहा कि बदलावों के तौर पर आयुष मंत्रालय ने कार्यक्रम में एक नया आसन जोड़ा है और प्रणायाम की अवधि दस मिनटों के लिए बढ़ा दी है।

इस मुद्दे पर जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेता के. सी. त्यागी ने कहा कि यह (ओम का जाप) सिख, इस्लाम और बौद्ध धर्म में एक हस्तक्षेप है। इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। यह अच्छा होगा अगर हम इसे विवाद में तब्दील न करें।

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