अब महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा मिलकर करेंगे पुलिस और यूनिसेफ

यूपीलखनऊ। अब यूपी में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और यूनिसेफ मिलकर उठाएंगे। प्राथमिक रूप से छह बाल मैत्री पुलिस स्टेशन बनेंगे। 10 मॉडल विशेष किशोर इकाइयां बनाई जाएंगी। यहां बच्चों को सुधारने के लिए यूनिसेफ अपनी टीम के साथ काम करेगी।

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समाजसेवी संस्था यूनिसेफ ने इस आशय का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने रखा है। पुलिस विभाग इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अपनाए हुए है। मंगलवार को एनेक्सी भवन में प्रमुख सचिव, गृह देबाशीष पण्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। यूनिसेफ की टीम ने बैठक के दौरान अपनी कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण भी किया।

टीम के मुताबिक प्रदेश के 75 जिलों में अधिवक्ताओं को महिला और बाल सुरक्षा के कानूनी अधिकारों की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग दो महीने की होगी। इसमें अभियोजन विभाग के सवा दो सौ अफसर भी शामिल होंगे। इस काम में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय की ओर से तकनीकी सहयोग मिलेगा।

इस प्रस्तुतिकरण के बाद प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि सभी 75 जिलों में बाल मैत्री पुलिस स्टेशन और मॉडल विशेष किशोर पुलिस इकाइयों की व्यवस्था करने की प्लानिंग की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना की सफलता के लिए प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को तैनात करने पर विचार करेगी।

इस दौरान विशेष सचिव, गृह श्रीमती मिनिस्ती एस, पुलिस महानिदेशक महिला सम्मान प्रकोष्ठ सुतापा सान्याल, पुलिस महानिरीक्षक अपराध आरके स्वर्णकार, यूनीसेफ के डॉ आफताब मोहम्मद के अलावा अभियोजन, न्याय, डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय और एहसास संस्था के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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