यूपी में बीजेपी विरोधी महागठबंधन संभव नहीं, विपक्ष में आपसी मतभेद

यूपी मेंलखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी विरोधी महागठबंधन हो पाना मुश्किल दिख रहा है। इसका मुख्य कारण ये है कि सपा, कांग्रेस और बसपा में गठबंधन को लेकर एक राय नहीं बन पा रही। वहीं, महागठबंधन में मुख्य नेता के नाम को लेकर भी अंतर्विरोध है। बता दें, लालू प्रसाद यादव 27 अगस्त को पटना में बीजेपी विरोधी पार्टियों की एक रैली आयोजित कर रहे हैं, उन्होंने इन सभी पार्ट‍ियों को न्योता भेजा है।

बसपा नेताओं के मुताबिक, शनिवार (10 जून) को पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मायावती ने मीटिंग की। इस मीटिंग में महागठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई। मायावती को पार्टी के सीनियर नेताओं ने महागठबंधन को लेकर निगेटिव फीडबैक दिया। नेताओं का कहना था कि बसपा का महागठबंधन में शामिल होना उनसे लिए घातक साबित हो सकता है।

इस वजह से जमीनी तौर पर बसपा के वोटर्स का रुख दूसरी पार्टियों के ओर जा सकते हैं। खबरों के मुताबिक, इस फीडबैक के बाद मायावती 27 अगस्त की रैली में जाने का प्लान कैंसल भी कर सकती हैं।

यूपी में महागठबंधन के मुख्य नेता के नाम को लेकर भी अंतर्विरोध है। जहां एक ओर सपा में अखिलेश यादव को चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की बात हो रही है। वहीं, कांग्रेस राहुल को इस गठबंधन का नेता चाह रही है। फिलहाल इन दोनों पार्टियों के प्रदेश कार्यालय में इन दोनों नेताओं के नाम को प्रोजेक्ट करने की बात होती है।

जाहिर है कि भले ही इन पार्टियों के नेता एकजुट हों, लेकिन वर्कर्स और पार्टी पदाधिकारियों के बीच इसको लेकर संशय कायम है। साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद भी हार की वजह से कांग्रेस में गठबंधन को लेकर आंतरिक असंतोष गहराया हुआ है।

 

LIVE TV