यूपी में अवैध खनन की हाइटेक निगरानी होगी : पीयूष गोयल

यूपी में अवैध खननलखनऊ/नई दिल्ली: यूपी में अवैध खनन के कारोबार पर रोक लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने इसके लिए अत्याधुनिक प्रणाली की शुरुआत की है। इसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। अवैध खनन गतिविधियों की निगरानी उपग्रह के माध्यम से की जाएगी।

यूपी में अवैध खनन पर लगेगी लगाम

केंद्रीय विद्युत एवं खनन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने यह बात शनिवार को कही। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में यह योजना चार माह के अंदर शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने फिलहाल अभी देश के तीन राज्यों- हरियाणा, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में इसे पायलट प्रोजेक्ट के लिए शुरू किया है।

पीयूष गोयल ने शनिवार को दिल्ली में इस खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने 11 राज्यों में मीडिया के साथ वीडियो कान्फ्रें सिंग लिंक के माध्यम से बातचीत की और एमएसएस के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एमएसएस एक उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य जनता की भागीदारी के माध्यम से स्वचालित रिमोट सेंसिंग खोज प्रोद्यौगिकी के उपयोग से अवैध खनन गतिविधियों का पता लगाकर उन्हें रोकना है।

केंद्रीय खान मंत्रालय ने इस प्रणाली को विकसित किया है। इसमें भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जियो इन्फॉर्मेटिक्स, गांधीनगर और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय का भी सहयोग लिया गया है।

गोयल ने बताया कि अवैध खनन की निगरानी करने की वर्तमान प्रणाली स्थानीय शिकायतों और अपुष्ट जानकारियों पर आधारित है, जबकि एमएसएस दुनिया की अत्याधुनिक विकसित निगरानी प्रणाली है।

उन्होंने बताया कि यह प्रणाली खनन सीमा के 500 मीटर के क्षेत्र की किसी भी असामान्य गतिविधि की जांच करती है। इसमें स्वचालित सॉफ्टवेयर इमेज प्रोसेसिंग प्रोद्यौगिकी अनधिकृत गतिविधियों पर स्वयं ही संकेत भेजना शुरू कर देता है। इस संकेतों का रिमोट सेंसिंग नियंत्रण केंद्र में अध्ययन किया जाएगा। फिर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

गोयल ने कहा कि जनसामान्य लोग भी अवैध खनन की जानकारी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए दे सकते हैं। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे लोगों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के समय उत्तर प्रदेश खनन विभाग के विशेष सचिव भी उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि यूपी में में बालू, सिल्क आदि का अवैध खनन जोरों पर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक को इस अवैध कारोबार में हस्तक्षेप करना पड़ा है। उच्च न्यायालय ने इसके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश तक दिए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि चार महीने के अंदर एमएसएस प्रणाली से यहां हो रहे अवैध खनन की निगरानी शुरू हो जाएगी। वहां मौजूद खनन विभाग के विशेष सचिव ने मंत्री को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार इस मामले में केंद्र को पूरा सहयोग करेगी।

LIVE TV