यूपी के बस्‍ती जिले में ट्रक ने सड़क पर पैदल चल रहे पांच मजदूरों को रौंदा, तीन की मौत

बस्‍ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के धर्मसिंहपुर ग्राम निवासी तीन मजदूरों की घर लौटते समय बुधवार की देर रात सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। दो अन्य घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उक्त ग्राम के सात लोग बुधवार को राशन उतारने हसीनाबाद गए थे। देर रात वहां से एक ट्रक पर बैठकर घर लौट रहे थे। हर्रैया के आगे संसारीपुर स्थित एक ढाबे पर उतरकर सभी ने ड्राइवर के साथ लगभग 12 बजे भोजन किया। वहां उनकी ड्राइवर से किसी बात को लेकर उनकी कहा-सुनी हो गई। इसके बाद सभी सात मजदूर पैदल ही घर को निकल पड़े।

रास्ते में पंचम 30 पुत्र रामजनक व हृदयराम 28 पुत्र छांगुर किसी चार पहिया वाहन से घर चले आये जबकि शेष पांच मजदूर पैदल ही चलते रहे। रात लगभग एक बजे वे हर्रैया थाना क्षेत्र अंतर्गत बिहरा गेट के सामने पहुंचे ही थे कि पीछे से एक ट्रक ने उन्हें जबरदस्त ठोकर मार दी व भाग निकला। घटना में गुड्डू 32 पुत्र रामजनक, लल्लन 28 पुत्र तुलसीराम व कनिकराम 32 पुत्र छोटई की मौके पर ही मौत हो गई जबकि जंगबहादुर 32 पुत्र बिफई व विकास 26 पुत्र राजू गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर पहुंची कप्तानगंज व हर्रैया पुलिस की टीम ने लाशों को कब्जे में लेते हुए घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया।दर्दनाक हादसे से पूरे गांव में कोहराम है।

मजदूरों को शक, उसी ट्रक ड्राइवर ने घटना को दिया अंजाम

हादसे में घायल जंग बहादुर व विकास की हालत  नाजुक बनी हुई है। जागरण से बातचीत में जंग बहादुर ने बताया कि कहासुनी के दौरान ट्रक ड्राइवर में देख लेने की धमकी दी थी। वह मजदूरों को जान चुका था तथा इतनी रात में  पैदल जा रहे मजदूरों को देखते ही पहचान गया होगा। बदला लेने की खातिर उसी ने इस खतरनाक घटना को अंजाम दिया है।

चंद रुपए बन गए मौत की वजह

आमतौर पर ट्रकों में लदे सामान को जल्दी खाली करने पर मजदूरों को बक्शीश दी जाती है। इसे मजदूरों की बोलचाल में ढाला कहते हैं। मजदूरों को यह ईनाम उनकी मजदूरी के अतिरिक्त दिया जाता है। आमतौर पर चालक ही इसे तय करते हैं। घटना के शिकार मजदूर भी अपने इसी इनाम को लेकर ट्रक चालक से लड़ गए जो इस बड़ी घटना का कारण बना।

बेसहारा हो गए तीन परिवार

हादसे में धर्मसिंहपुर गांव के तीन परिवार बेसहारा हो गए। घटना में मृत तीनों मजदूर अपने घरों के इकलौते कमाने वाले थे। मृतक लल्लन के पिता तुलसीराम की पहले ही मौत हो चुकी है। छह साल पहले हुई शादी के बाद से अभी तक उनके कोई संतान नहीं थी। पत्नी गुंजन रो-रोकर बुरा हाल है। कनिकराम मजदूरी करके किसी तरह अपने बच्चों का पेट पाल रहे थे। ट्रक से सामान उतारते समय जी जान से मेहनत करते जिससे मजदूरी के अलावा इनाम के तौर पर कुछ और पैसे हासिल कर सके। उसके असमय दुनिया छोड़ जाने का समाचार मिलने के बाद से पत्नी मीता देवी 30 बेसुध है। बच्चे विष्णु 11, दीपांशु 9 व दीपिका 7 को अभी भी भरोसा है कि पापा कुछ देर में घर लौट आएंगे।

मृतक गुड्डू की पत्नी गुड़िया 27 को मानो काठ मार गया है। किसी से कुछ भी नहीं बोल रही अपने दो बच्चों अमन 9 व संजना 5 को सीने से चिपकाए हुए आने जाने वाले लोगों को एकटक निहार रही है। दोनों बच्चे अपनी मां के आंसुओं को पोछने में लगे  हैं। इसके अलावा घायल जंग बहादुर व विकास के परिवार वाले भी ईश्वर से उनकी जिंदगी सही सलामत रखने की भीख मांग रहे हैं।

एक साथ तीन मौतों से गांव में मातम

एक साथ गांव में हुई तीन मौतों से पूरा गांव शोकाकुल है। ग्रामवासी बारी-बारी से तीनों परिवारों को सांत्वना देने में जुटे हैं। ग्राम प्रधान विनोद कसौधन के मुताबिक परिवार वालों की सहमति से घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

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