यूपी के इस शहर में नहीं मनाया जाता नया साल, हैरान करने वाली हैं वजह

उत्तर प्रदेश : गोरखपुर जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पर नया साल नया साल मनाया ही नहीं जाता हैं. इसकी वजह हैरान करने वाली हैं. बताया जाता हैं कि यहां पिछले चार से दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में कोई न कोइ काल के गाल में समा जाता हैं. ऐसे में नये साल के आने पर यहाँ के लोग दुखी रहते हैं. कैंट इलाके के वार्ड नंबर एक भैरोपुर का गाँव हैं. लोगो द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह सिलसिला 2016 के दिसम्बर माह में शुरू हुआ, जब गांव में रामलीला का मंचन हो रहा था। इसी दौरान यहां पर रामलीला देखने आए युवक विजय पासवान की गांव के ही लोगों से मारपीट में मौत हो गई। घायल अवस्था में विजय पासवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 29 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। गांव वालों ने रामलीला का मंचन बिना रावण दहन के ही रोक दिया। उस दिन के बाद से आज तक गांव में रामलीला नहीं हुई।

दिसंबर के अंतिम सप्ताह में होती रहती हैं घटनायें

आप को बता दे कि 2019 दिसंबर में गांव के युवक युवराज ने अपने पिता के लाइसेंस राइफल से खुद को गोली मार लिया था। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके अलावा उसी वर्ष गांव के एक अन्य युवक रंजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

वहीं वर्ष 2020 में बीते 29 दिसंबर को गांव के सेल्समैन रमेश चंद जायसवाल की सड़क हादसे में मौत हो गई। इससे अभी गांव के लोग उभर भी नहीं पाए थे कि 31 दिसंबर की सुबह गांव के ही युवक हजारीलाल ने आम के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। पिछले चार सालों में ये सारी घटनाएं दिसंबर माह में अंतिम सप्ताह में हुई हैं। यही कारण है कि ये असामयिक मौत से नौ वर्ष की खुशियां पूरे दिल से नही मना पाते हैं।

गांव के ही अंकित जायसवाल, राहुल जायसवाल, संजीव कुमार, दीपक, प्रियंका आदि ने बताया कि पिछले चार साल से असामयिक मौत से गांव में दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। अब गांव में कोई भी मन से नया साल नहीं मनाता है।

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