यूपी के इन 8 विश्वविद्यालयों को UGC ने किया फर्ज़ी घोषित, देखें लिस्ट

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 24 “स्वयंभू” संस्थानों को फर्जी घोषित किया है। दो संस्थानों में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया है। प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह बयान दिया। छात्रों, अभिभावकों, आम जनता और इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर यूजीसी ने 24 स्वघोषित उच्च शिक्षा संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है।

प्रधान ने कहा कि “इसके अलावा भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, यूपी और भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान (IIPM), कुतुब एन्क्लेव, नई दिल्ली को भी यूजीसी अधिनियम 1956 का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। भारतीय शिक्षा परिषद के मामले और आईआईपीएम के मामले अदालत में विचाराधीन हैं।” फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से बताते हुए प्रधान ने कहा, “यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में फर्जी विश्वविद्यालयों/ संस्थानों की सूची के बारे में सार्वजनिक नोटिस जारी किए हैं।” उन्होंने कहा, “आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखे हैं।”

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं – वाराणसी का वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद; गांधी हिंदी विद्यापीठ, इलाहाबाद; नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर; नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़; उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा; महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़ और इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा।

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