चूरन बेचता मिला यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर

यूनिवर्सिटीअलीगढ़| पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद लोगों का परिवार के बोझ और बेरोजगारी के चलते चूरन बेचने तक के काम करना कोई बड़ी बात नहीं है| लेकिन यही काम एक यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर करने लगे तो यह बात ज़रूर बड़ी हो जाती है|

जी हाँ, किसी के लिए भी इस बात को मानना मुश्किल होगा, लेकिन ये सच है| यूपी के अलीगढ़ में नेताजी सुभाष चंद्र बोस नाम की यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर श्याम सुंदर शर्मा आजकल आर्य समाज मंदिर के बाहर आयुर्वेदिक चूरन बेच रहे हैं|

श्याम सुंदर शर्मा से जब इसके बारे में पूछा गया तो वो बिफर गये| उनका कहना था कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 1985 एक्ट के तहत कार्य कर रही थी| जब मैने इसके लिए जमीन मांगी तो मुझे जमीन देने के बजाए गिरफ्तार किया गया और इसे फर्जी बता दिया गया|

इसी साल 30 जून को UGC ने नोटिस जारी कर देश के 22 विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया था| इस लिस्ट में यूपी के भी आठ विश्वविद्यालय थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी भी इनमें से एक थी|

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