मोदी सरकार की इस स्कीम को कंपनियों ने दिखाया ठेंगा

युवाओं को रोजगारनई दिल्ली : मोदी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की जो योजना शुरू की थी, उसमें देश की कंपनियां रूचि नहीं ले रही हैं। सरकार की बीपीओ प्रमोशन स्कीम को लेकर कंपनियों ने बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया है।

भले ही केंद्र सरकार ने बिजनस प्रॉसेसिंग आउटसोर्सिंग (बीपीओ) इंडस्ट्री को छोटे शहरों में युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य लिया है, लेकिन इन इन्फोसिस और जेनपैक्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। सरकार की तरफ से दिए गए ऑफर्स में से इंडस्ट्री ने सिर्फ एक चौथाई के लिए ही बोलियां लगाई हैं।

युवाओं को रोजगार मोदी के संसदीय क्षेत्र में

मोदी सरकार की इस महत्वकांक्षी प्रॉजेक्ट से बड़ी और मध्यम स्तर की (बीपीओ) कंपनियों ने अब तक दूरी ही बनाए रखी है। हालांकि टीसीएस ने जरूर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, पटना और नासिक में एक-एक हजार लोगों को बीपीओ में काम देने का काम शुरू कर दिया है।

नाम सामने न लाने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘यह नहीं कह सकते कि सरकार की इस स्कीम को खराब प्रतिक्रिया मिली है, लेकिन यह बात सच है कि हमें उम्मीद के मुताबिक प्रतिक्रिया नहीं मिली।’

इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी मिनिस्ट्री को अब तक सिर्फ 60 कंपनियों की ओर से 11,500 सीटों के लिए बोलियां मिली है, जबकि सरकार ने पहले राउंड में ही 48,000 सीटों का ऑफर दिया था।

इसमें इन्फोसिस, जेनपैक्ट और इंटेलिनेट जैसी दिग्गज बीपीओ कंपनियों ने शिरकत नहीं किया। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम को अगर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली है तो इसके पीछे नीतियों में कुछ कमियां भी हो सकती हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘हम इस योजना को साकार करने के लिए बड़ी कंपनियों तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं। यदि जरूरत हुई तो युवाओं को रोजगार देने की इस स्कीम पर हम पुनर्विचार भी करेंगे।’

LIVE TV