यूनाइटेड बैंक एमएसएमई पर जोर देगा, धन जुटाने की भी योजना

युनाइटेड बैंककोलकाता| सार्वजनिक क्षेत्र के युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसका जोर सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे (एमएसएमई) के उद्योगों और खुदरा क्षेत्र पर है और कर्ज लेकर पचाने वाले सेक्टरों को दूर रखा जाएगा। बैक ने इसके अलावा 1,000 करोड़ रुपये धन जुटाने की भी योजना बनाई है।

इसे एक या अधिक किस्तों में सार्वजनिक इश्यू या क्वालिफाई इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) या राईट इश्यू के जरिए जुटाया जाएगा। इस पर सालाना आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी मांगी गई है।

बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. श्रीनिवास ने शेयरधारकों से कहा, “2016-17 में कर्ज देने के लिए मुख्यत: एमएसएमई और खुदरा क्षेत्र पर जोर दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि बैंक मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप इंडिया योजना, अपने खुदरा चैनल, खासतौर से आवास, शिक्षा और वाहन ऋण क्षेत्रों को मजबूत करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करेगा।

उन्होंने कहा, “आगे बैंक इस बात का ध्यान रखेगा कि कर्ज लेकर पचाने वाले क्षेत्रों से बचते हुए सरकारी गारंटी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाए। बैंक भविष्य में अपनी आय बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों में बढ़ोतरी करेगा।”

श्रीनिवास ने कहा कि पूंजी इतना दुर्लभ और महंगा है कि बैंक चालू वित्त वर्ष में अपनी पूंजीगत स्थिति को मजबूत करने और संरक्षित करने पर जोर देगा।

श्रीनिवासन ने कहा कि बैंक को वित्त वर्ष 2015-16 में 282 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है, जबकि इसके पिछले साल 256 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

उन्होंने आगे कहा, “इस नुकसान का मुख्य कारण आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा किए गए एस्सेट क्वालिटी रिव्यू में गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (डूबे हुए कर्जे) में वृद्धि होना है। साथ ही कुछ बड़े कॉरपोरेट अकाउंट के फिसलने का व्यापक प्रभाव अन्य संचालन और वित्तीय मानकों पर पड़ा है।”

LIVE TV