म्यांमार लौटना चाहते हैं रोहिंग्या हिंदू, मोदी क्यों नहीं कर रहे मदद

लॉस एंजेलिस। अमेरिका के एक अखबार लॉस एंजेलिस टाइम्स का कहना है कि बांग्लादेश में शरण ले रहे रोहिंग्या हिंदू म्यांमार लौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी जा रही।

अखबार ने बांग्लादेश में कुटुपालोंग शरणार्थी शिविर से प्राप्त एक रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को कहा कि बीते साल मई में शरणार्थियों के म्यांमार के राखिने में लौटने को लेकर जब संयुक्त राष्ट्र ने इस पर सहमति समझौता किया तो 105 हिंदू परिवार लौटने के लिए तैयार थे।

हिंदू शरणार्थियों ने अखबार के हवाले से कहा कि वे बांग्लादेश में फंसे हुए हैं क्योंकि उनकी वापसी को उस समय रद्द कर दिया गया, जब संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला किया कि शरणार्थियोंके लिए म्यांमार लौटना सुरक्षित नहीं है।

बांग्लादेश में 400 हिंदू शरणार्थियों को अलग करके रखा गया है। उन्हें हिंदू कैंप नामक एक अलग इकाई में रखा गया है, जिसकी कड़ी सुरक्षा की जा रही है।

बांग्लादेश में हिदू और मुस्लिम शरणार्थी दुश्मनी के साये में रह रहे हैं।

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लॉस एंजेलिस टाइम्स का कहना है कि हिंदू परिवारों ने मदद के लिए भारत सरकार से अपील की है लेकिन अभी तक सिर्फ मानवीय मदद मिली है।

अखबार के मुताबिक, हिंदुओं के शरणार्थी शिविर की 32 वर्षीय शिशू शील ने कहा, “भारत सभी हिंदुओं की भूमि है। नरेंद्र मोदी हिंदू हैं। वह हमारी मदद क्यों नहीं कर रहे?“

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