मोदी के आशीर्वाद के सहारे मेक इन इंडिया में बनाई धाक और बन बैठा नकली नोटों का सौदागर

मोहाली के अभिनव वर्मामोहाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहाली के अभिनव वर्मा की तारीफ की थी, वजह थी कि अभिनव ने ब्लाइंड लोगों के लिए ‘Live Braille’ नामक एक ऐसी तकनीक विकसित की थी, जिससे उन्हें स्टिक का सहारा नहीं लेना पड़ता। लेकिन यही अभिनव वर्मा नकली नोट छापने वाला मास्टरमाइंड बन गया। अभिनव ने 2 हजार के 2 करोड़ नोट छाप डाले।

अभिनव वर्मा ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिसको दृष्टिहीन अंगूठी की तरह पहन सकते हैं। इस डिवाइस को भारत और अन्य 15 देशों में बेचा गया था। इस डिवाइस को इस साल मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया गया था। पीएम मोदी ने पिछले साल दिसंबर महीने में बेंगलुरु में ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ अभिनव का जिक्र करते हुए तारीफ की थी। अभिनव की इस डिवाइस को काफी फेम मिला था। इस डिवाइस ने देश और विदेश में काफी अवॉर्ड भी जीते हैं। अभिनव ने कहा था कि वह भारत में 5 करोड़ लोगों की इस डिवाइस के जरिए से जिंदगी बदलना चाहते हैं।

अभिनव के इस उपकरण को पहनने से दृष्टिहीन के सामने कोई भी चीज आने पर सैंसर आवाज करता है। इसकी खोज के लिए इसका नाम ‘मेक इन इंडिया’ में चल रहा है। वह लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था। चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित लाइव वेरल सॉल्यूशन नाम की कंपनी में इनका ऑफिस है।

हाल ही में पुलिस ने उसे और उसकी बहन विशाखा और एक अन्य युवक सुमन नागपाल को 42 लाख की कीमत वाले 2000 रुपए के फर्जी नोट के साथ गिरफ्तार किया है। अभिनव एक इंजीनियर है, विशाखा एमबीए स्टूडेंट और सुमन नागपाल एक प्रॉपर्टी डीलर हैं। अभिनव और विशाखा अपने दफ्तर में 2000 रुपए के फर्जी नोट प्रिंट करते थे और नागपाल उन क्लाइंट्स को ढूंढ़ता था जो कि अपने कालेधन को नए नोटों से बदलवाना चाहते थे।

21 साल के आरोपी बीटेक डिग्री होल्डर अभिनव के पिता हरियाणा गवर्नमेंट में अच्छे पद पर थे, लेकिन पिछले साल ही उनकी मौत हो गई। अभिनव की मां लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। उसके साथ गिरफ्तार हुई मामा की बेटी विशाखा ने भी बीटेक किया हुआ है। 20 वर्षीय विशाखा कपुरथला में मकान नंबर 202, सी टाइप-रेलवे फैक्टरी में रहती है।

पुलिस का कहना है कि इनका पांच लोगों की गैंग था। मोहाली के अभिनव वर्मा और विशाखा कालेधन को सफेद करने के लिए मोटा कमीशन लेते थे। 2000 के नोटों की गड्डियों में ऊपर के दो नोट असली होते थे, बाकी नकली। अभी इनके दो साथी प्रमोद और हर्ष को गिरफ्तार करना है, जो कि बतौर ड्राइवर अभिनव की कंपनी के साथ जुड़े हुए थे।

मोहाली के अभिनव वर्मा ने इस नकली पैसे से ऑडी कार भी खरीदी थी। पुलिस ने इनके पास से एक ऑडी कार भी जब्त की है, जिस पर लालबती लगी हुई थी। यह लालबती नाकों पर पुलिस को चकमा देने के लिए लगवाई गई थी। पुलिस ने गिरफ्तार करके इन तीनों को एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने इन्हें 5 दिसंबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया।

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