जेल से एम्स जायेगा मो. शहाबुद्दीन

मोहम्मद शहाबुद्दीनभागलपुर : पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन बिहार के भागलपुर में विशेष केंद्रीय कारागार के अस्पताल में भर्ती है। उन्हें उनकी कमर में दर्द की वजह से जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल शहाबुद्दीन को चलने-फिरने में भी दिक्कत महसूस हो रही है। शनिवार को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने शहाबुद्दीन की बीमारी की जांच की थी। जेल प्रशासन को सौंपी गयी रिपोर्ट में डॉक्टर ने शहाबुद्दीन को बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजने की सलाह दी है।
इसके साथ ही शहाबुद्दीन को एम्स भेेजने की कवायद शुरू हो गयी है। एम्स भेजने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। सूत्रों की मानें तो प्रोसेस में एक सप्ताह से ज्यादा समय लग सकता है। कमर दर्द से परेशान शहाबुद्दीन का इलाज पहले भी एम्स में किया जा चुका है।

मोहम्मद शहाबुद्दीन कौन है ?

मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान जिले के प्रतापपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा बिहार से ही पूरी की थी। राजनीति में एमए और पीएचडी करने वाले शहाबुद्दीन ने हिना शहाब से शादी की थी। उनका एक बेटा और दो बेटी हैं। शहाबुद्दीन ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। किसी फिल्मी किरदार से दिखने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन की कहानी भी फिल्मी सी लगती है।

•अस्सी के दशक में शहाबुद्दीन का नाम पहली बार आपराधिक मामले में सामने आया था। 1986 में उनके खिलाफ पहला आपराधिक                मुकदमा दर्ज हुआ था।मोहम्मद शहाबुद्दीन

  • राजनीतिक गलियारों में शहाबुद्दीन का नाम उस वक्त चर्चाओं में आया जब शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में जनता दल की युवा इकाई में कदम रखा । पार्टी ने 1990 में विधान सभा का टिकट दिया। शहाबुद्दीन जीत गए। उसके बाद फिर से 1995 में चुनाव जीता।

 

  •  2001 में राज्यों में सिविल लिबर्टीज के लिए पीपुल्स यूनियन की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि राजद सरकार कानूनी कार्रवाई के दौरान शहाबुद्दीन को संरक्षण दे रही थी। सरकार के संरक्षण में वह खुद ही कानून बन गए थे।

 

  • ताकत के नशे में चूर मोहम्मद शहाबुद्दीन इतना अभिमानी हो गए थे कि वह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ नहीं समझते थे। शहाबुद्दीन ने गिरफ्तारी करने आए अधिकारी संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था।

 

  •  2000 के दशक तक सीवान जिले में शहाबुद्दीन एक समानांतर सरकार चला रहे थे। उनकी एक अपनी अदालत थी। जहां लोगों के फैसले हुआ करते थे। वह खुद सीवान की जनता के पारिवारिक विवादों और भूमि विवादों का निपटारा करते थे।

मोहम्मद शहाबुद्दीन

  •  1999 में एक सीपीआई (एमएल) कार्यकर्ता के अपहरण और संदिग्ध हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को लोकसभा 2004 के चुनाव से आठ माह पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन चुनाव आते ही शहाबुद्दीन ने मेडीकल के आधार पर अस्पताल में शिफ्ट होने का इंतजाम कर लिया। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को वापस जेल में भेजने के लिए कहा था। सरकार ने मजबूरी में शहाबुद्दीन को जेल वापस भेज दिया लेकिन चुनाव में 500 से ज्यादा बूथ लूट लिए गए थे। आरोप था कि यह काम शहाबुद्दीन के इशारे पर किया गया था। लेकिन दोबारा चुनाव होने पर भी शहाबुद्दीन सीवान से लोकसभा सांसद बन गए थे।

 

  •  साल 2004 के चुनाव के बाद से शहाबुद्दीन का बुरा वक्त शुरू हो गया था। इस दौरान शहाबुद्दीन के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। राजनीतिक रंजिश भी बढ़ रही थी। नवंबर 2005 में बिहार पुलिस की एक विशेष टीम ने दिल्ली में शहाबुद्दीन को उस वक्त दोबारा गिरफ्तार कर लिया था जब वह संसद सत्र में भागेदारी करने के लिए यहां आए हुए थे।मोहम्मद शहाबुद्दीन

 

  •  अदालत ने 2009 में शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। उस वक्त लोकसभा चुनाव में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने पर्चा भरा था। लेकिन वह चुनाव हार गई। उसके बाद से ही राजद का यह बाहुबली नेता सीवान के मंडल कारागार में बंद है।
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