राष्ट्रभक्ति की भावना दिल में होनी चाहिए- मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ शिक्षा वर्ग के दूसरे वर्ष के प्रशिक्षण शिविर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रभक्ति का पाठ स्वयं सेवकों को पढ़ाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित सर्वोपरि है। राष्टभक्ति की भावना दिल में होनी चाहिए दिखावे में नहीं।

संघ प्रमुख गुरुवार को शामली के सिल्वर बेल्स स्कूल में चल रहे राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के शिक्षा वर्ग के दूसरे वर्ष के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही भारत वर्ष की सालों पुरानी पंरपरा है। अच्छा और गुणवान बनने के लिए मन के अंदर हमेशा अच्छे भाव लाने चाहिए। ये तभी संभव होगा जब हमारी शिक्षा और संस्कार उत्तम होंगे। देश के प्रति समर्पित होकर काम करें। अच्छे समाज के निर्माण में भागदारी करें।

उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि राष्ट्रभक्ति सबसे ऊपर है। हमेशा राष्ट्र चिंतन के लिए समर्पित रहना चाहिए। कहा कि आप आने वाले भारत के कल हो, इसलिए आपके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। यदि सशक्त भारत देखना है तो राष्ट्र हित के लिए कुछ संकल्प भी लेने होंगे। सच्चे मन से उनका पालन करना होगा, तभी एक सशक्त और मजबूत भारत का सपना साकार होगा। मोहन भागवत ने कहा कि देश भक्ति उनके दैनिक जीवन में शमिल होनी चाहिए। ये दिल से हो दिखावे से नहीं।

तेलंगाना में कांग्रेस को बड़ा झटका, इतने विधायक टीआरएस में हुए शामिल

उन्होंने सामाजिक समरसता पर बल देते हुए कहा कि हम सबको मिलकर सामाजिक कुरीतियों को दूर करना है। उन्होंने संयुक्त परिवारों पर बल दिया। शाम को वह संघ स्थान पर गए और शाखा में भाग लिया। कई जानकारियां स्वयंसेवकों को दी। इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचारक आलोक, वर्ग कार्यवाह शिवकुमार त्यागी, मेरठ प्रांत प्रचारक धनीराम के अलावा संघ के वरिष्ठ प्रचारक मौजूद रहे। शुक्रवार को संघ प्रमुख प्रशिक्षणार्थियों से सीधा संवाद करेंगे।

LIVE TV