मोबाइल चार्जिंग से सांसों में जा रहा कार्बन!

l_mobile-charge-in-car-1460359250चलती कार में मोबाइल चार्ज करने और पौधों में पानी देने से होता है प्रदूषण, जानिए कैसे…

आपको हैरानी होगी यह जानकर कि कार में मोबाइल चार्ज करने से प्रदूषण बढ़ता है। एक अमेरिकी शोध के मुताबिक चलती कार में यूएसबी से मोबाइल चार्ज करने पर एक गैलन ईंधन में 0.03 मील का अंतर आता है। इस हिसाब से देखा जाए तो कितना कार्बन फैल रहा है हवा में और कितना बढ़ रहा है प्रदूषण।

पौधों में पानी देने से भी प्रदूषण होता है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इससे आपके घर में धूल के कण और मिट्टी बाहर की तुलना में 10 गुना तेजी से फैलती है। घर की साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाल ज्यादातर क्लीनिंग उत्पादों में टॉक्सिक, एंटीबायोटिक पेस्टिसाइड और केमिकल मौजूद होते हैं। इनके इस्तेमाल से घर की हवा में केमिकल शामिल हो जाता है।

 

फाइबर पायदान भी घर में डालना बंद कर दें। पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इनसे आपके घर की हवा बाहर की तुलना में 2 से 5 गुना ज्यादा प्रदूषित हो सकती है। इन पायदानों में धूल कण, मिट्टी और फंगस होती है। यहां तक कि जूते-चप्पल भी घर के बाहर रखिए। इससे घर में प्रदूषण होता है। इससे एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।

गैस पर खाना बनाने के दौरान खतरनाक नाइट्रोजन डिओक्साइड निकलती है। इसके कारण अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है।

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