मोदी सरकार ने किया बड़ा फैसला, अब सरकारी नौकरी पाना होगा आसान

नई दिल्ली। भारत के तीन करोड़ों युवाओं को अब बैंकिंग, रेलवे और स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC की मुख्य परीक्षाओं में बैठने के लिए अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। इससे पहले इन विभागों के लिए तीन चरण में परीक्षाएं देनी होती थी। सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा होती थी, इसके बाद मुख्य परीक्षा और आखिर में इंटरव्यू के जरिए किसी उम्मीदवार का चयन किया जाता था।

लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब इन अलग-अलग सरकारी विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं देनी होंगी, बल्कि इन तीनों के लिए एक CET का आयोजन होगा। पहले हर प्रारंभिक परीक्षा के लिए अलग आवेदन पत्र और अलग परीक्षा केंद्र होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब एक ही परीक्षा, एक ही परीक्षा केंद्र और एक ही आवेदन पत्र से काम चल जाएगा।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह सरकारी नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। एनआरए की स्‍थापना के बाद केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अलग-अलग परीक्षाओं में बैठने वाले युवाओं को सिर्फ एक ही टेस्‍ट देना होगा. जावड़ेकर ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। इस समय 20 भर्ती एजेंसियां हैं। ऐसे में युवाओं को हर एजेंसी के लिए परीक्षा देने के लिए कई जगह जाना पड़ता है। अब नेशनल रिक्रूटमेंट एंजेसी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी और उन्‍हें हर एजेंसी के लिए अलग परीक्षा देने से निजात मिलेगी।

जावड़ेकर ने कहा कि एनआरए से करोड़ों युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा। युवाओं की तरफ से यह मांग कई साल से उठ रही थी। अब एनआरए की स्‍थापना से उनका पैसा भी बचेगा और मानसिक परेशानी भी दूर रहेगी। उन्‍हें एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका मिलेगा. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक सुधार है. इससे भर्ती, चयन, नौकरी में और जीवन में आसानी होगी. केंद्र सरकार के सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा कि फिलहाल हम तीन एजेंसियों की परीक्षाओं को कॉमन कर रहे हैं। इनमें बैंक में भर्ती के लिए आईबीपीएस, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड और स्‍टाफ सिलेक्‍शन कमीशन शामिल हैं।

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