यूपी के IPS ने बड़े घोटाले का किया पर्दाफाश, मोदी सरकार को दिखाया आईना

मोदीलखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ रोजाना चुनावी तेवर दिखा रहे हैं लेकिन उनके ही मंत्रियों के विभागों में भ्रष्टाचार मानो नासूर ही बन चुका है मोदी के मन्त्रिमण्डल में वाईएस चैधरी जैसे मंत्री तो बैंकों का ही अरबों का कर्ज दबाये बैठे हैं। जिस पर आज तक कोई कार्रवाई ही नहीं हुई। बारी अब मोदी के बेहद करीबी राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की है जिनके विभाग एनएचएआई की ईमानदारी को खुद यूपी के एक वरिष्ठ आईपीएस राजेश कृष्ण ने सोशल मीडिया पर बेनकाब किया है।

इस अफसर की पोस्ट में एनएचएआई का एक बड़ा घोटाला साफ दिखाई दे रहा है जिसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।

दरअसल सीतापुर से बरेली तक 156 किलोमीटर फोरलेन हाइवे बनाने के लिए पांच वर्ष पहले ही धन स्वीकृत हो चुका था लेकिन इस हाइवे के हालात बेहद खराब हैं ये हाइवे बरसों से निर्माणाधीन है लेकिन एनएचएआई के अफसरों की लापरवाही से अभी तक पूरा बन ही नहीं पाया है।

मौजूदा वक्त में बाराबंकी दस पीएसी बटालियन के कमांडेंट व वरिष्ठ आईपीएस राजेश कृष्ण ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर सोमवार को लिखा कि अगर मंत्री नितिन गडकरी खुद सीतापुर से बरेली के बीच सफर करें तो उन्हें हाइवे की भयावह स्थिति का अंदाजा खुद ही हो जाएगा।

साथ ही आम नागरिकों के दर्द से भी वाकिफ हो सकेंगे। इस पुलिस अफसर ने आगे लिखा है कि काम करनी वाली कम्पनी को तत्काल ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। इस बड़े अफसर की पोस्ट पर बेहिसाब कमेंट भी आने शुरू हो गए। लोगों ने साफ तौर पर नितिन गडकरी के ऊपर निशाना साधा। एक कमेंट के जवाब में आईपीएस राजेश कृष्ण ने कहा कि ये गलती सिर्फ मॉनीटरिंग करने वाली सरकारी संस्था एनएचएआई की है

अब जरा सीतापुर से बरेली के बीच निर्माणाधीन हाइवे की असलियत का खुलासा किया जाए। इस हाइवे के लिए पांच वर्ष से भी अधिक समय पहले 1951 करोड़ की लगत स्वीकृत हुई थी कम्पनी ने बैंक से 1400 करोड़ का ऋण दिखाया था। यही नहींलागत बढ़ने से 515 करोड़ बढ़वाए गए।

जिसके बाद बैंक ने किश्तें देने में आंशिक रोक लगा दी थी लेकिन बाद में खुद बैंक ने खर्च का ब्यौरा जानने के लिए निगरानी टीमें बनायी। ऐसे में साफ है कि इस हाइवे के निर्माण में ही भारी घोटाला छुपा हुआ है लेकिन एनएचएआई के अफसरों की मोहमाया कार्यदायी  संस्था पर कुछ अधिक ही है तभी आज तक उक्त कम्पनी से काम पूरा न होने के बाबत सवाल भी नहीं किये गए।

आखिर जब बैंक निगरानी कर सकता है तो एनएचआई के अफसर क्यों इस हाइवे को समय से पूरा करने में उदासीन हैं यही नहीं तकनीकि जांच हो तो घटिया निर्माण भी बेनकाब होना तय है।  ये सिर्फ बरेली सीतापुर हाइवे का ही हाल नहीं है बल्कि यूपी के कई हाइवे में अरबों के घोटालों का राज  छुपा है जिसमे  लखनऊ-सीतापुर हाइवे प्रमुख है  गडकरी का मंत्रालय इन कम्पनियों को भारी टोल वसूलने की इजाजत तो दे रहा है लेकिन सड़कें खस्ताहाल होने से टोल देने वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं हालाँकि राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के ऊपर खुद भ्रष्टाचार के आरोप पूर्व में लगे थे गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड के धन के स्रोत पर सवाल खड़े किए गए थे।

पूर्ति के अधिकतर निवेश और कर्ज निर्माण कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स यानी आईआरबी समूह की ओर से दिए गए। खबरों में कहा गया कि गडकरी जब 1995 से 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार में पीडब्लूडी मंत्री थे, उस समय आईआरबी समूह को कई ठेके मिले थे। इसके अलावा पूर्ति के सभी शेयर धारक कंपनियों के पते भी फर्जी हैं। इनमें से पांच कंपनियों के पते दरअसल मुंबई की झुग्गी बस्तियों के हैं। ऐसे में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने करोड़ों के हाइवे घोटाले का खुलासा करके नितिन गडकरी को बेनवाब किया है

LIVE TV