हार से उबरने के लिए 2019 में Plan-B के साथ उतरेगी मोदी-शाह की जोड़ी

नई दिल्ली। हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में मिली हार को बीजेपी के लिए बड़ी चेतवनी के रूप में देखा जा रहा है। इस बात को कहीं न कहीं भाजपा के शार्ष नेतृत्व ने भी पूरी तरह से मान लिया है। इसलिए अब उनका अगला प्रोग्राम साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए कमर कसना है। साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि इस हार से हताश ना होकर अपनी खामियों को पहचाना जाए ताकि जो गलती या कमी इन चुनावों में उनकी हार का सबब बनी, वो फिर से ना दोहराए। इस कड़ी में पार्टी ने सभी कार्यकताओं और नेताओं को काम पर लगाने की तैयारी कर रही है।

इसके तहत अब सभी नेताओं के साथ पीएम मोदी का भी शेडयूल निर्धारित किया जाना है। इसमें वे पार्टी को लगे इस झटके से उबरने की कोशिशों करेंगे।

खबरों के मुताबिक़ पार्टी ने आने वाले महीनों में नेताओं को पूरी तरह व्यस्त रखने वाला कार्यक्रम बनाया है। इन नेताओं में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि फरवरी से पहले, मोदी करीब 120 निर्वाचन क्षेत्रों में संबोधित करेंगे। ये वे इलाके हैं जहां बीजेपी को कमजोर माना जाता है।

पार्टी का आकलन है कि मोदी की लोकप्रियता पर असर नहीं पड़ा है। इस वजह से बीजेपी अब पूरी तरह मोदी की छवि पर निर्भर हो सकती है।

उम्मीद है कि दिल्ली में 11-12 जनवरी को पार्टी की नेशनल एग्जीक्यूटिव मीटिंग के साथ ही बीजेपी आम चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर देगी।

इससे पहले, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संगठन की विभिन्न शाखाओं के नेताओं से मिलकर तैयारियों का जायजा लेंगे।

उम्मीद है कि शाह 15 और 16 दिसंबर को युवा मोर्चा नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस मीटिंग में जिला प्रमुख स्तर के नेता भी शामिल होंगे।

वहीं शिवराज सिंह चौहान को ओबीसी वोटबैंक थामने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कड़ी में चौहान की जिम्मेदारी बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि उन्हें लगातार बीजेपी के ओबीसी चेहरे के तौर पर देखा जाता रहा है। इससे इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि पूर्व सीएम को अब मध्य प्रदेश के बाहर की जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं।

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बता दें कि 13 साल के शासन के बाद बुधवार को चौहान ने इस्तीफा दे दिया था।

बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी भूपिंदर यादव के मुताबिक, सभी मोर्चों की ये बैठकें चुनाव के मद्देनजर आयोजित की गई हैं।

इससे पहले, गुरुवार को पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में शाह ने उन्हें 2019 पर फोकस करने की सलाह दी।

चुनावी झटकों पर उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस जीत गई हो, लेकिन बीजेपी की भी हार नहीं हुई। उनका इशारा बीजेपी को मिले वोट शेयर और सीटों की संख्या की ओर था।

बताया जा रहा है कि 21 और 22 दिसंबर को महिला मोर्चा की नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक होगी। अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक 19 और 20 जनवरी को नागपुर में होगी, अल्पसंख्यक मोर्चे की बैठक दिल्ली में 31 जनवरी और 1 फरवरी को जबकि अनुसूचित जनजाति मोर्चे की नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक भुवनेश्वर में 2 और 3 फरवरी को होगी।

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बीजेपी के ओबीसी मोर्चे की बैठक पटना में 15 और 16 फरवरी को होगी जबकि किसान मोर्चा के नेता 21 और 22 फरवरी को यूपी में मिलेंगे।

मोदी 22 दिसंबर को महिला मोर्चा जबकि 22 जनवरी को किसान मोर्चा की बैठक में संबोधित करेंगे। शाह इन सभी बैठकों में शामिल होंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और थावरचंद गहलोत एससी मोर्चा को संबोधित करेंगे जबकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह एसटी मोर्चा की बैठक में अपना संबोधन देंगे।

राजनाथ के अलावा एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के सीएम रघुबर दास पटना में ओबीसी नेताओं को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, 16 फरवरी को पटना में ओबीसी नेताओं की एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी।

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