मोदी और हसीना की नजदीकी से परेशान हुईं ममता बनर्जी, कहा- ये करो वरना अच्छा नहीं होगा

मोदी और हसीनानई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी है। बनर्जी ने राज्य के उत्तरी इलाके से बहने वाली तीस्ता के बजाय पांच दूसरी नदियों के पानी के बंटवारे का जो प्रस्ताव दिया है, उस पर न तो केंद्र सरकार और न ही बांग्लादेश ने कोई प्रतिक्रिया दी है।

ममता का यह प्रस्ताव शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की मीटिंग में पेश किया गया था, लेकिन उसको इन दोनों से कोई खास तवज्जो नहीं मिली। भारत और बांग्लादेश सरकारों के सूत्रों का कहना है कि अगर हसीना तीस्ता के पानी के बंटवारे पर लंबित प्रस्तावित करार को लेकर कोई रियायत बरतने की कोशिश करती हैं तो इससे 2019 से पहले उनकी स्थिति कमजोर होगी।

मोदी सरकार ऐसे किसी भी कदम को सपॉर्ट करने को तैयार नहीं, जिससे इलाके में भारत की मजबूत सहयोगी हसीना की स्थिति अपने देश में कमजोर हो। मोदी ने खुद शनिवार को सार्वजनिक तौर पर आश्वासन दिया था कि यह डील निकट भविष्य में हो जाएगी।

ममता ने पहले दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शनिवार सुबह भारत और बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में यह प्रस्ताव पेश किया था। उसके बाद उन्होंने शाम को राष्ट्रपति भवन में हसीना के साथ अनौपचारिक बातचीत में यह पेशकश रखी थी। ममता ने इस बात पर जोर दिया कि तीस्ता में पानी बहुत कम है और यहां तक कि अप्रैल में भी इसमें कम पानी है, इसलिए वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार की जरूरत है।

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