मोदी, सिरिसेना ने जाफना में स्टेडियम का उद्घाटन किया

मोदीनई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शनिवार को जाफना में दुरईअप्पा स्टेडियम का उद्घाटन किया, जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया है। मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति से पड़ोसियों का भी फायदा होना चाहिए। उद्घाटन समारोह के दौरान सिरिसेना स्टेडियम में मौजूद थे, जबकि मोदी वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए नई दिल्ली से इस समारोह से जुड़े।

मोदी वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह से जुड़े

मोदी ने कहा, “भारत का दृढ़ता से यह मानना है कि उसके आर्थिक विकास से उसके पड़ोसियों को भी फायदा होगा। यह स्टेडियम हमारे सहयोग की भावना का प्रतीक है। वास्तव में, श्रीलंका के विकास के लिए भारत का समर्थन हमारी दोस्ती का प्रतीक है।” मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका को एक ‘आर्थिक रूप से समृद्ध देश’ के रूप में देखना चाहता है।

उन्होंने कहा, “ऐसा श्रीलंका हो, जहां एकता और अखंडता, शांति और सद्भाव, सुरक्षा, समान अवसर और सभी नागरिकों की समान गरिमा हो।” सिरिसेना ने जाफना में अपने भाषण में इस उद्घाटन को एक ‘ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि इससे भारत और श्रीलंका के संबंध मजबूत होंगे।’ सिरिसेना ने उत्तरी श्रीलंका के तमिल बहुल शहर में स्थित इस स्टेडियम के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया।

मोदी ने कहा कि भारत सरकार सिरिसेना के साथ मिलकर इस स्टेडियम को श्रीलंका के लोगों को समर्पित करती है। उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलता रहे, ताकि सभी नागरिकों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आए। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा श्रीलंका को दिया जा रहा समर्थन श्रीलंका सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर है। लेकिन इसे केवल दोनों देशों की सरकारों के दायरे तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, “वे (श्रीलंका से सौहार्द्रपूर्ण संबंध) हमारे इतिहास, संस्कृति, भाषा, कला और भूगोल में रचे-बसे हैं।” इस स्टेडियम में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की दूसरी वर्षगांठ मनाई गई। लगभग आठ हजार लोगों ने योग किया, जबकि गैलरी में कम से कम 1,500 लोग बैठे थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सूर्य नमस्कार के प्रदर्शन की सराहना की और कहा, “सूर्य नमस्कार जो थोड़ी देर पहले किया गया, उसने समग्र स्वास्थ्य और प्रकृति के साथ सामंजस्य विठाकर रहने का संदेश पूरी दुनिया को दिया है।” उन्होंने कहा, “अब से 72 घंटों बाद 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की दूसरी वर्षगांठ मनाएगी। श्रीलंका 2014 में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को समर्थन देनेवाले प्रथम देशों में से एक है। दुरईअप्पा स्टेडियम में सूर्य नमस्कार से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई है।”

मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना का सूर्य नमस्कार के आयोजन के लिए शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती है। दुरईअप्पा स्टेडियम हमारी स्थायी दोस्ती का भी प्रतीक है।” दुरईअप्पा स्टेडियम का नाम जाफना के पूर्व महापौर दिवंगत अल्फ्रेड थम्बीराजा दुरईअप्पा के नाम पर रखा गया है। इसका जीर्णोद्धार भारत सरकार ने सात करोड़ रुपये (10 लाख डॉलर) की लागत से किया है।

स्टेडियम में दो गैलरी हैं, जिनमें 1,850 दर्शक बैठ सकते हैं। यह खेल और मनोरंजन से संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा और श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में युवाओं के विकास में भी मदद देगा। स्टेडियम का इस्तेमाल क्रिकेट छोड़कर हर तरह के खेल के लिए किया जा सकता है। इस स्टेडियम का इस्तेमाल 1997 से ही बंद था।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इस स्टेडियम में होने वाले समारोह में 8,000 से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। यह स्टेडियम कभी तमिल गृहयुद्ध का गवाह रहा है, जहां कम से कम 23 मानव कंकाल पाए गए थे। इनमें कुछ कंकाल उन बच्चों के भी थे, जो लापता हो गए थे। उन बच्चों को गुपचुप तरीके से इस स्टेडियम में दफना दिया गया था, जिन्हें 1999 में खोजा गया।

स्टेडियम की मरम्मत का काम साल 1999 में शुरू हुआ था, जब गृहयुद्ध खत्म होने के बाद इलाके में शांति का माहौल लौट आया। श्रीलंका में साल 2002 में बाल सैनिक पर दया सोमसुंदरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दफन किए गए बच्चों के कंकाल मरम्मत के दौरान बाहर निकाले गए। दया सोमसुंदरम उत्तरी श्रीलंका के एक प्रख्यात मनोचिकित्सक हैं।

माना गया कि ये शव उनके हैं, जिन्हें श्रीलंका के सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था और बाद में कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई, जिसे कार्यकर्ताओं ने न्यायेतर हत्या करार दिया था। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, यह स्टेडियम खेल व मनोरंजन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक बुनियादी सुविधा मुहैया कराएगा, जिससे उत्तरी प्रांत के विभिन्न स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों के 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों को लाभ होगा।

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