कभी ना खत्म होने वाले मोदी और ममता का रिश्ता, इस साल क्या दिखाएगा रंग…

भाजपा और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच के रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. यह दिन पे दिन और खराब होते जा रहे हैं. दोनों ही सरकार को एक-दूसरे की नीतियां समझ नहीं आती हैं. माना जा रहा है कि नया साल तो शुरू हो गया है लेकिन इसका अच्छा असर इस दोनों के रिश्तों पर दिखाई नहीं देगा. CAA और NRC को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल पहले से ही आमने-सामने हैं. पश्‍चिम बंगाल सरकार गणतंत्र दिवस पर झांकी करवाना चाहती है. जिसका प्रस्‍ताव मोदी सरकार की एक्‍सपर्ट कमेटी  ने खारिज कर दिया.

मोदी और ममता

इस साल के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और 6 मंत्रालयों की झांकी को मंज़ूरी दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य में विकास कार्यों, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण की थीम पर कई प्रस्ताव दिए थे. 2019 में पश्चिम बंगाल की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल की गई थी. मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी NRC और CAA के खिलाफ पश्चिम बंगाल में लगातार अभियान चला रही हैं. उनका कहना है कि वो किसी भी सूरत में NRC-CAA को अपने राज्‍य में लागू नहीं होने देंगी.

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मोदी सरकार और ममता सरकार के बीच संबंध इतने खराब हैं कि उसका खामियाजा पश्‍चिम बंगाल के किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के छह करोड़ किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत दिसंबर महीने की किस्त के रूप में 12,000 करोड़ रुपये जारी कर उन्हें नए साल का तोहफा देंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. इसका कारण यह है कि पश्‍चिम बंगाल के किसान अब तक पीएम किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़ पाए हैं.

 

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