मॉब लिंचिंग पर छलका आजम खान का दर्द, कहा सरकार नहीं कर रही कोई सुनवाई

जावेद चौधरी

देश में मोब लिंचिंग मामले को लेकर देश के संसद से लेकर लोग सड़कों तक आ गए। वही विपक्ष के सांसदों ने सरकार को घेरने के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में घेरा है। इसपर लगाम लगाने और सख्त कानून बनाने के लिए विपक्ष के सांसद सरकार से मांग कर रहे है।  साथ ही विपक्षी सांसद  सरकार पर लगातार हमला बोल रहे है।

मोब लिंचिंग

साथ ही ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर भी विपक्ष के सांसद सरकार को दलील देकर बिल को खारिज करने पर अड़े है। हालांकि अभी लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया, राज्यसभा में बिल पेश करना बाकी है।

इन दोनो खास मुद्दों पर समाज पार्टी के कद्दावर नेता एवं अपने बेबाक अंदाज़ के लिए जाने वाले नेता साथ ही विवादों के सगल में मशहूर रामपुर के सांसद आज़म खान से हमारे संवाददाता जावेद चौधरी ने की एक खास बातचीत, उन्होंने बातों ही बातों में बिना पार्टी का नाम लिए मोब्लिंचिंग की घटना होने पर सरकार की मर्जी से ऐसा कार्य करने के आरोप भी लगाए है।

कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं पहले किसी ने सुनी भी नही होगी कि एक धर्म का नाम लेकर जबर्दस्ती उससे कहलवाओ नही कहे तो मारो पीटो, वहीं पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने एक तीरसे दोशिकार खेल दिए आरोपियों को बचाने के लिए पीड़ित युवक को ही कस्टडी में मार दिया गया। जिससे किसी के खिलाफ आई विटनेस ही न रहे।

कहाकि में भी वकील रहा हूँ, हत्या से ज्यादा सज़ा अटेम्प टू मर्डर में होती है क्योंकि पीड़ित खुदगवाह बन अपने साथ घटी घटना को कोर्ट में बयां करता है। मरने के बाद कौन बयां करेगा इसी उद्देश्य से पुलिस ने अपना काम बखूबी किया है।

मोब्लिंचिंग जैसे मामले  पहले नहीं हुआ करते थे, सरकार का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इस सरकार में लगातार ऐसे कार्य हो रहे हैं जो पिछले ब्रिटिश शासन काल में भी नहीं हुए और इस पर लगाम लगाने के लिए सत्ता में बैठी सत्तारूढ़ पार्टी ही लगा सकती हैं।

इशारों इशारों में उन्होंने कह दिया कि बिना इनकी मर्जी के ऐसा हो ही नहीं सकता था, सरकार को ऐसे गंभीर मुद्दों पर सोचना चाहिए ।वही लगाम लगाने के लिए भी प्रयास करते रहना चाहिए।

इसके साथ ही उन्हें ट्रिपल तलाक मुद्दे पर कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। आज भी देखा जाता है कि कोर्ट में 98% ऐसे मुद्दे होते हैं जो मुस्लिमों के अलावा चल रहे होते हैं और उनके तलाक के मुद्दे निबट नहीं पा रहे और तलाक कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। तलाक एक बार में नहीं तीन बार में होता है।

कहीं ना कहीं तलाक को लेकर दोनों पक्षों में रजामंदी के कारण ही तलाक हो जाता है और यह हाय हुल्ला बनाया जा रहा है। इस ट्रिपल तलाक पर किसी मुस्लिम को आपत्ति नही है, आपत्ति है सरकार बिल सिर्फ एक समुदाय को सज़ा काज्यादा प्रावधान देरही है जबकिसरकार कोसबको साथसबका विकास में कार्य करना चाहिए।

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आज केसमय मेया याकहे कि जबसे सरकार बनी है लोगो पर जुल्म दर जुल्म है।  जबकि तलाक को लेकर कोई मुद्दा होना ही नहीं चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने बंगाल में सड़कों पर हुए कथा को लेकर भी इशारों इशारों में कहा कि देश में हर धर्म के लोगों को अपने धर्म को मानने का अधिकार है.

चाहे वह सड़क पर ही नमाज़ पढ़े, चाहे वह सड़क पर ही बैठकर पूजा करें, या कथा करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि अपने धर्म को मानने का जज्बा होना चाहिए। मगर देश में आजकल जो चल रहा है वह सब कुछ सही नहीं चल रहा। यही हालत रही तो देश गर्त में जाने को भी तैयार हैं।

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