मेरठ : दस गुना ज्यादा होर्डिंग्स और हादसों का इंतजार

मेरठ में होर्डिंग्समेरठ। यूपी के मेरठ में होर्डिंग्स डराने लगी हैं। जरूरत से दस गुना ज्यादा होर्डिंग्स कभी भी हादसे का सबब बन सकती हैं। नियमों को ताक पर रखकर लगाई गई इन होर्डिंग्स पर आम जनता की नजर तो पड़ती है लेकिन जिम्मेदारों की नहीं।

मेरठ में होर्डिंग्स का जाल

नगर निगम की मानें तो शहर में मात्र 470 होर्डिंग वैध हैं, लेकिन गिनने पर आ जाइए तो पांच हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी होर्डिंग्स दिखाई देंगी। जिन चौराहों पर एक या दो होर्डिंग की जगह है, वहां 20 से 50 होर्डिंग लगी हैं।

ये अवैध होर्डिंग और यूनिपोल सरकारी खजाने को तो चूना लगा ही रहे हैं, बड़े हादसों को भी दावत दे रहे हैं| बस, गनीमत इतनी है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसी वजह से कार्रवाई के नाम पर नगर निगम ने भी आंखें मूंद रखी हैं| आलम यह है कि होर्डिंग ठेकेदारों ने पीडब्लूडी, आवास विकास, नगर निगम के स्वागत द्वार और यूनिपोल तक पर कब्जा कर लिया है।

करोड़ों का है बिजनेस

होर्डिंग का यह बिजनेस करोड़ों का है। विज्ञापन शुल्क के नाम पर ठेकेदार 20 करोड़ से भी ज्यादा राशि वसूल रहे हैं| वहीं, निगम के खजाने में मामूली राशि ही पहुंच पा रही है। नगर निगम के अनुसार मात्र 26 स्थानों पर ठेकेदार को होर्डिंग लगाने की अनुमति है लेकिन असलियत कुछ और है| अलग-अलग जगहों पर 130 से अधिक यूनिपोल और स्वागत द्वार खड़े कर दिए गए हैं।

कमाई का हाल

आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में नगर निगम ने विज्ञापन शुल्क के रूप में 1.82 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि होर्डिंग ठेकेदार करोड़ों डकार चुके हैं।

यह सारा तमाशा 30 मई 2013 को शुरू हुआ, जब नगर निगम प्रशासन और अभिनव एडवरटाइजिंग कंपनी के बीच अनुबंध हुआ| करार के अगले महीने से ही शहर की सड़कों पर अवैध यूनिपोल और होर्डिंग्स लगने लगे। निजी हित के कारण निगम अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।

यहाँ लगे हैं अवैध होर्डिंग्स

नगर निगम से दिल्ली रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, कमिश्नरी आवास चौराहा से तेजगढ़ी, तेजगढ़ी से एल ब्लॉक शास्त्रीनगर, मोदीपुरम से कैंट,मवाना रोड पर अवैध होर्डिंग्स और यूनिपोल लगे हैं|

ये हैं नियम

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार अगर होर्डिंग की वजह से सड़क पर चल रहे वाहनों को किसी तरह का नुकसान होने का अंदेशा हो तो इन्हें सड़क के सामानांतर नहीं लगाया जा सकता| वहीँ, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार सड़क के बीच डिवाइडर पर यूनिपोल नहीं लग सकते|

होर्डिंग्स और हादसे

23 मई को आंधी के दौरान नोएडा के सेक्टर-18 स्थित डीएलएफ मॉल के सामने अथॉरिटी की एक होर्डिंग पोल समेत टूटकर सड़क पर आ गिरी। इसकी चपेट में एक कार और बाइक आ गईं। बाइक सवार युवक की मौत हो गई, जबकि बाइक पर बैठा दूसरा शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया। कार सवार भी जख्मी हो गया।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पिछले साल 19 मई को आई आंधी में यूनिपोल गिरने से एक शख्स की मौत हो गई थी। उस समय गौड़ सिटी गोलचक्कर (किसान चौक) पर लगा एक यूनिपोल गिर गया था। सड़क किनारे ऑटो का इंतजार कर रहे 25 वर्षीय संदीप की इस हादसे में मौके पर ही मौत हो गई थी। संदीप बुलंदशहर के थे और एक कंपनी में इलेक्ट्रिशन थे। यूनिपोल एक बिल्डर का था, जिसकी अथॉरिटी से परमिशन नहीं ली गई थी।

प्रस्तुति – आदेश कुमार

 

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