अनोखी मेघालय की संस्कृति, जहां पुरुष नहीं महिलाएं होती हैं मुखिया  

मेघालयघूमने के शौकीन लोगों के लिए मेघालय जैसी खूबसूरत और शांत जगह कोई हो नहीं सकती है. खूबसूरती देखने के लिए टूरिस्ट इसकी ओर खींचे चले आते है. मेघालय स्थित ‘मावलीनांग गांव’ बहुत मशहूर है. ये एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव है. इसे भारत का गौरव और ईश्वर का बगीचा जैसे नामों से पुकारा जाता है.

यहां पर बहुत से तालाब और झरने भी हैं, जिनकी खूबसूरती किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है.

पर्यटन के अलावा इस गांव एक खासियत है, जिसकी वजह से इस गांव की संस्कृति को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.

दुनिया में लड़के-लड़की के बारे लोगों की अलग-अलग सोच है. कहीं दोनों को समान अधिकार तो कहीं भेदभाव होता है. अक्सर लड़कियों के साथ गलत बर्ताव होता है. लेकिन इस गांव में लड़के नही बल्कि लड़कियां राज करती हैं.

लोगों की मानसिकता ही कुछ ऐसी है कि लड़कों को लड़कियों से ज्यादा पसंद किया जाता है. प्रत्येक शादीशुदा जोड़ा चाहता है कि उन्हें बेटा हो.

‘मावलीनांग गांव’ में खास जनजाति के लोग रहते हैं. जिनकी आबादी लगभग 500 लोगों की है. ‘खासी समाज’ एक ऐसा दुर्लभ समाज है, जहां केवल महिलाओं की ही सत्ता चलती है. इस गांव में बच्चे अपने पिता का नहीं बल्कि अपनी मां का सरनेम अपने नाम के साथ लगाते हैं. इस जनजाति में परिवार की सबसे छोटी बेटी ही पूरी संपत्ति की वारिस होती है.

मेघालय का संस्कृति

यहां महिलाओं को सौभाग्यशाली और पुरूषों को दुर्भाग्यशाली माना जाता है. यहां महिलाओं को सारे काम करने की आजादी है. वह बिना किसी रोक-टोक अपनी लाइफ जीती हैं.

इस समुदाय में महिलाओं को अपनी पसंद से विवाह करने की पूरी आजादी है. साथ ही वह अपनी मर्जी से तलाक भी ले सकती हैं.

लड़कियां अपनी आय से घर का खर्च चलाती हैं. इस पुरुष प्रधान देश में आदमी औरत पर हावी नहीं होते हैं.

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