मुज़फ्फरनगर में धरना दे रहे लेखपालों पर गिरी गाज, 188 लेखपालों पर सर्विस ब्रेक की कार्यवाही

REPORT:-VIJAY KUMAR/MUZZFARNAGAR

देश भर में जंहा नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर उग्र प्रदर्शन कर सरकारी सम्पत्तियो को क्षति पंहुचायी जा रही है वही पूरे उत्तर प्रदेश के लेखपालों द्धारा भी अपनी माँगो को लेकर जनपदों में धरना प्रदर्शन कर आंदोलन किया जा रहा है.

वंही प्रदेश सरकार के निर्देशों के चलते मुज़फ्फरनगर में 188 लेखपालों की सर्विस ब्रेक की कार्यवाही को जिला प्रसाशन ने अमली जामा पहना दिया है. सर्विस ब्रेक की कार्यवाही के बाद भी जिद्दी लेखपालों ने सीधा उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए धरना प्रदर्शन जारी रखे जाने का खुले मंच से ऐलान कर डाला है.

लेक्पालों की सर्विस ब्रेक

उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान में सभी जनपदों के लेखपालों द्धारा प्रदेश सरकार से अपनी 8 सूत्रीय मांगो को लेकर 3 दिसंबर से प्रदेश व्यापी हड़ताल की गयी थी जिसमे लेखपालों द्धारा लेपटॉप,स्मार्ट फोन,डाटा कार्ड,भत्ता,प्रोन्नति वेतन,प्रमोशन,वेतन विसंगति और नाम परिवर्तन जैसी मांगे उत्तर प्रदेश सरकार से की गई थी.

जिसमे सरकार द्धारा लेपटॉप,स्मार्ट फोन,डाटा कार्ड,भत्ता माँगो को स्वीकार करते हुये धरनारत लेखपालों को वापस काम पर लौटने का फरमान जारी किया था लेकिन लेखपालों द्धारा सरकार के फरमान को नजर अंदाज करते हुए जनपद मुज़फ्फरनगर के लेखपालों द्धारा 15  दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान करते हुये सरकार को चेतावनी दी है की जब तक लेखपालों की मुख्य मांगे पूरी नहीं की जाएगी धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

इसके लिए लेखपालों को लाठी खाकर जेल जाना पड़े या फिर  बर्खास्त की कार्यवाही हो उन्हें मंजूर है, क्योकि पिछले दो सालो से सरकार से मांग की जा रही है. उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की जनपद मुज़फ्फरनगर की इकाई के जिला महामंत्री ने कहा की अनेक बार सरकार से वार्ता हुयी लेकिन सरकार की दमन कारी नीतियों के चलते विफल रही यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो पुरे प्रदेश में इसी तरह आंदोलन जारी रहेगा.

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लेखपालों की प्रदेश व्यापी हड़ताल को 6 माह तक निषेध करते हुए अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग द्धारा सूचना जारी की गयी थी की जो लेखपाल हड़ताल खत्म करके वापस अपने कामो पर नहीं जाते उनके विरुद्ध नो वर्क नो पेय के तहत सर्विस ब्रेक की कार्यवाही अम्ल में लायी जाये. जिसके चलते जिला प्रसाशन द्धारा सभी लेखपालों से शपथ पत्र  के माध्यम से जानना चाहा की कितने लेखपालों द्धारा काम पर वापस आना है और कितने लेखपालों को हड़ताल पर रहना है.

जनपद में लगभग कुल 207 लेखपाल है जिसमे 188 लेखपालों द्धारा शपथपत्र नहीं भरा गया जिनके विरुद्ध जिला प्रसाशन द्धारा सर्विस ब्रेक की कार्यवाही की गयी है. अपर जिलाधिकारी का कहना है की लेखपालों की कुछ मांगो को सरकार ने स्वीकार भी कर लिया था लेकिन फिर भी हड़ताल जारी है सर्विस ब्रेक की कार्यवाही के बाद भी यदि लेखपालों द्धारा अपने काम पर नहीं लोटा गया तो शाशन के निर्देशानुसार कार्यवाही अम्ल में लायी जाएगी.

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