ये हैं भारत के सबसे बुजुर्ग वोटर, पहली बार दिया वोट

दिनहाटा (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को छठे एवं अंतिम चरण के मतदान में 103 वर्षीय मुहम्मद असगर अली ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। अली शायद देश में पहली बार मत देने वाले सबसे वृद्ध मतदाता हैं। वह उन 9,776 नव पंजीकृत मतदाताओं में शामिल हैं, जिन्हें आजादी के बाद पहली बार गुरुवार को मतदान में हिस्सा लेने का हक मिला।

मुहम्मद असगर अली

मुहम्मद असगर अली ने पहली बार दिया वोट

दरअसल, ये ऐसे लोग हैं, जिनके गांव बांग्लादेश की सीमा से लगते इलाकों में पड़ते थे। इनकी जमीन का हिस्सा बांग्लादेश के अधीन होने के कारण इनकी नागरिकता और नागरिक होने के नाते इन्हें मिलने वाले अधिकारों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। पिछले साल भारत और बांग्लादेश के बीच इस तरह की जमीन (एंक्लेव) का आदान-प्रदान हो गया, जिसके बाद बांग्लादेश में भारत की ऐसी ही जमीन बांग्लादेश को मिल गई जबकि भारत में बांग्लादेश की ऐसी जमीन भारत की हो गई।

इस ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते के प्रभावी होने के बाद बांग्लादेश और भारत ने 162 ऐसे क्षेत्रों का आदान-प्रदान किया।

निर्वाचन आयोग ने ऐसे 9,000 से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की थी। अली अपनी बेटे, पोते और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त विशेष वाहन से मतदान केंद्र पहुंचे।

मुहम्मद असगर अली उत्तर मशालडंगा (अब दिनहाटा विधानसभा सीट के तहत) से हैं, जो ऐतिहासिक जमीन स्थानांतरण समझौता लागू होने के बाद पहली अगस्त, 2015 से भारत का हिस्सा हो गया।

मुहम्मद असगर अली के पोते जैनुल आबदीन ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे गर्व होता है कि मैं अपने दादा और पिता के साथ मतदान करने आया हूं। हम इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।”

आबदीन पहली बार मतदान कर खुश थे। वह कहते हैं कि मशालडंगा में कई परिवार हैं, जिनकी तीन पीढ़ियों ने मतदान किया है।

अपनी छड़ी के सहारे अली मतदान केंद्र पर गए। एक अधिकारी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का संचालन करने में उनकी मदद की।

अली ने अपनी भावनाओं को छिपाते हुए कहा, “शायद यह दिन देखने के लिए मैं जीवित रहा। जब मैं सुबह उठा, मैं ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था। लेकिन, अब मैं मतदान कर चुका हूं। अब मैं शांति से मर सकता हूं।”

कूच बिहार की अतिरिक्त जिलाधिकारी आयशा रानी ने बताया कि इसी तरह पूर्व दक्षिण मशालडंगा व कचुआ क्षेत्र के 103 वर्षीय हसीम अली खांडाकर और पूर्ववर्ती पूर्व एवं दक्षिण मशालडंगा क्षेत्र से खातेमन बेवा ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

रानी ने बताया, “हमें उन्हें मतदान प्रक्रिया के बारे में बताने व समझाने में वक्त लगा, लेकिन हम इसमें सफल रहे।”

कुल 9,776 लोग आजादी के बाद पहली बार मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं। इनमें 567 वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बांग्लादेश के साथ समझौते के बाद भारत में रहने का फैसला किया।

ये लोग दिनहाटा (5,486), मेखलीगंज (988), सिताई (1,396), सीताल्कुची (1,898) और तूफानगंज (8) निर्वाचन क्षेत्रों में हैं।

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