भैयाजी जोशी ने कहा कि भगवा ध्वज को राष्ट्र ध्वज मानना गलत नहीं

एजेन्सी/  bhaiyyaji-joshi-1459591110भारत माता की जय पर छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान को लेकर विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा कि भगवा ध्वज को राष्ट्र ध्वज मानना गलत नहीं है। तिरंगा बाद में बना। 

जोशी ने कहा कि वास्तव में वंदे मातरम ही राष्ट्रगान है। वर्तमान में जन गण मन हमारा राष्ट्रगान है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन इससे वह भाव पैदा नहीं होता जो वंदे मातरम से पैदा होता है। उन्होंने कहा कि जन गण मन बाद में बना, लेकिन हमें इसे सम्मान देना चाहिए। लेकिन कोई वास्तविक अर्थ पर विचार करता है तो वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगान है। 

भैयाजी जोशी ने कहा कि भाइयों जैसे रहने के लिए भारत माता की जय बोलना जरूरी है। जो भारत को भोगभूमि मानते हैं वे भारत माता का नारा नहीं लगाएंगे। दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च इन्स्टीट्यूट में भैयाजी जोशी ने कहा कि भारत माता की जय इसलिए बोलना है, क्योंकि इससे पूरे देश के तमाम लोगों के प्रति भातृभाव रहेगा। तमाम भाई होंगे।

यह है अंतर

भैयाजी जोशी ने कहा कि जन गण मन में राष्ट्र को ध्यान में रखकर भावनाएं व्यक्त की गई हैं। लेकिन वंदे मातरम में जाहिर की गई भावनाएं राष्ट्र की विशेषता और बनावट को रेखांकित करती हैं। यह दोनों गीतों के बीच का अंतर है। दोनों का सम्मान किया जाना चाहिए। वंदे मातरम बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की कविता है और भारतीय स्वंतत्रता आंदोलन में इसकी भूमिका बेहद अहम रही। वर्ष 1950 में इसके दो छंद को राष्ट्रगीत का आधिकारिक दर्जा दिया गया। जबकि जन गण मन को राष्ट्रगान का दर्जा प्रदान किया गया है। 

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