टीम अखिलेश ने किया सपा का “बहिष्‍कार”, वजह बने मुलायम के करीबी मंत्री

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में अब वर्चस्‍व की जंग तेज होती दिख रही है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की लाख कोशिशों के बावजूद चाचा-भतीजे की ये जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।

मुलायम

पहले सीएम अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को बनाया गया, जिसका अखिलेश समर्थकों ने जोरदार विरोध किया था। उसके बाद शिवपाल के प्रदेश अध्यक्ष बने ही उन्होंने अखिलेश यादव के साथ की टीम के सभी सदस्यों को एक-एक करके राज्य कार्यकारिणी से निकाल दिया, जिसके बाद से ही टीम अखिलेश में बदले की भावना घर कर गयी।

आगामी नवम्बर महीने में समाजवादी पार्टी के 25 वर्ष पूरे होने की ख़ुशी में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

मगर टीम अखिलेश ने समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए रजत जयंती समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। टीम अखिलेश ने कहा कि हम बसपा सरकार में लाठियां खाकर सपा को सत्ता में लाये है। फिर भी हमें झूठे आरोपों में फंसाकर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

शिवपाल यादव ने टीम अखिलेश के कई सदस्यों को बीते दिनों बर्खास्त कर दिया था। इनमें सीएम के खास एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द यादव, संजय लाठर और बृजेश यादव आदि है। जिसके बाद उनके नेता अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय के पीछे ही जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट बनाकर उन्हें एक आसरा दिया था।

खबरों के मुताबिक कि इस बहिष्कार की बड़ी वजह गायत्री प्रजापति भी है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रजत जयंती समारोह की जिम्मेदारी गायत्री को दे रखी है। युवा टीम का मानना है कि पार्टी में इतने बड़े आयोजन की जिम्मेदारी किसी दागी व्यक्ति को नहीं देनी चाहिये।

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