पाकिस्तान को मिली ताकत, सिंधु नदी हथियाने की तैयारी
मुंह की खाने वाले पाक ने अंततराष्ट्रीय बिरादरी में अपनी इज्जत बना ली है। सिंधु नदी जल समझौते पर पाकिस्तान ने भारत को दब कर रहने की खुली चुनौती दी है। पाकिस्तान के इस दुस्साहस की वजह संयुक्त राष्ट्र संघ को बताया जा रहा है।
मुंह की खाने वाले पाक का दबदबा
संयुक्त राष्ट्र में जल, शांति एवं सुरक्षा पर एक खुली बहस के दौरान पाकिस्तान को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। यहां भारत की बारी नहीं आई, सिर्फ पाकिस्तान ने भी अपनी आवाज दुनिया को सुनाई। पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा दबाव बनाए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी देश जल संबंधी मामलों को सहयोगात्मक तरीके से सुलझाने की इच्छा रखें।
उन्होंने चेतावनी दी कि युद्ध और कूटनीति से पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाने दिया जाएगा। यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उस देश (भारत) को भी सतर्क करे, जो सहयोग करने को तैयार न हो।
मलीहा ने भारत-पाकिस्तान सिंधु जल संधि को ऐसा मॉडल करार दिया, जिसके जरिए इस बात को दर्शाया जा सकता है कि द्विपक्षीय समझौतों के जरिए क्या हासिल किया जा सकता है।
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस जल समझौते का गारंटर संयुक्त राष्ट्र है। उरी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की सख्त से सहमे पाकिस्तान ने तत्काल संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में दखल की अपील की थी।
अब मलीहा लोधी के बयान के बाद से माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र भी पाकिस्तान के साथ आ गया है। वहीं, भारत को इस बहस में मौका नहीं मिलना बड़ी ‘हार’ का संकेत बताया जा रहा है।