मिशन एनएसजी पर आज पीएम मोदी हटा देंगे चीन का रोड़ा !

मिशन एनएसजीनई दिल्ली। मिशन एनएसजी को लेकर भारत के लिए चीन का विरोध आज खत्‍म हो सकता है। दक्षिण कोरिया के सोल में एनएसजी का पूर्ण सत्र शुरू हो चुका है। भारत भी पूरी तैयारी में है कि मिशन एनएसजी पर चीन का विरोध खत्‍म हो। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन के राष्‍ट्रपति से ताशकंद में मुलाकात करेंगे। यहां दोनों के बीच एनएसजी को लेकर बातचीत हो सकती है।

मिशन एनएसजी पर चीन का विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ताशकंद रवाना होंगे। यहां शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में उनको हिस्‍सा भी लेना है। इस बैठक में भारत के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पूर्णकालिक सदस्‍य के तौर पर शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी। चीन इस एससीओ समूह का नेतृत्‍व कर रहा है। इस बैठक के अलावा यहां पीएम चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करने वाले हैं।

वहीं दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया के सोल में न्यूक्लियर सप्लायर देशों की अहम बैठक चल रही है। गुरुवार को दक्षि‍ण कोरिया के संबोधन के साथ ही पूर्ण सत्र की शुरुआत भी हो गई। भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर पहले ही सोल पहुंच चुके हैं। 48 देशों वाले इस विशिष्ट समूह में भारत को अमेरिका के साथ रूस और फ्रांस का समर्थन भी मिल चुका है। लेकिन चीन भारत को एनएसजी में शामिल किए जाने के पक्ष में नहीं है।

मिशन एनएसजी में भारत की सदस्‍यता पर चीन का कहना है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं। हालांकि दूसरी ओर चीन का यह भी कहना है कि यदि एनएसजी से भारत को छूट मिलती है तो पाकिस्तान को भी समूह की सदस्यता दी जानी चाहिए।

मिशन एनएसजी के लिए भारत के पक्ष का करीब 20 देशों ने समर्थन किया है लेकिन जटिलता यह है कि अगर एक भी सदस्य देश ने विरोध किया तो भारत को सदस्यता नहीं मिलेगी। पीएम मोदी आज ताशकंद में चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर इसी मुद्दे पर बात करने वाले हैं।

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