मायावती को लेकर अखिलेश यादव का बड़ा बयान, यूपी ने हमेशा पीएम दिया है आगे भी देंगे

लखनऊ। लखनऊ के ताज होटल में 12 जनवरी को सपा-बसपा की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव और मायावती ने गठबंधन का ऐलान कर दिया। लोकसभा चुनावों में ये दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे इस बात पर अब मोहर लग चुकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश से मायावती को पीएम बनाने के सवाल पर अखिलेश ने दिलचस्प जवाब देते हुए कहा कि यूपी ने हमेशा देश को प्रधानमंत्री दिए हैं आगें भी देंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में मायावती के पीएम बनने की संभावनाओं ने जोर पकड़ लिया है। इस गठबंधन के बाद से यूपी समेत पूरे देश की सियासत में हलचल मची हुई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के अहंकार को हराने के लिए बीएसपी और एसपी का साथ आना जरूरी था। बीजेपी हमारे कार्यकर्ताओं में मतभेद पैदा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, हमें एकजुट होना होगा और ऐसी किसी भी रणनीति का मुकाबला करना होगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मायावती ने कहा कि इससे गुरू मोदी और चेले शाह की नींदें उड़ी हुईं हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनहित के लिए सपा और बसपा का गठबंधन हुआ है। इस दौरान उन्होंने बोलते हुए कहा कि देशहित के लिए वह गेस्ट हाउस कांड को भूलते हुए वह यह गठबंधन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन से नए रास्ते खुलेंगे। यह 2019 में नई राजनीतिक क्रांति का संदेश है। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से आने वाले कल का भविष्य उज्जवल होगा।

सीट शेयरिंग मसले पर उन्होंने कहा कि 80 सीटों में से 38 सीटों पर बीएसपी व 38 पर सपा चुनाव लड़ेगी। वहीं अमेठी व रायबरेली पर सपा-बसपा ने अपने प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। वहीं दो सीटें अभी अन्य दलों के लिए छोड़ी गई हैं।

मायावती ने कहा कि बीजेपी के तानाशाही रवैया से जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने यूपी में बेईमानी से सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के अहंकारी रवैये से मेहनतकश जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने मेहनतकश लोगों की कमर तोड़ दी है। राफेल पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि इस मसले के चलते बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ेगी। मायावती ने कहा कि बीजेपी विरोधियों को कमजोर करने की कोशिश करती है।

मायावती ने कहा कि केंद्र में ज्यादातर वक्त कांग्रेस की ही सरकार रही है। कांग्रेस के शासन में भी भ्रष्टाचार व गरीबी बढ़ी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की कार्यशैली लगभग एक जैसी ही है। उन्होंने सपा-बसपा के गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में घोषित इमरजेंसी थी जबकि बीजेपी राज में अघोषित इमरजेंसी लागू है।

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कांग्रेस को गठबंधन में शामिल न करने के फैसले पर मायावती ने कहा कि कांग्रेस के साथ लड़ने पर हमे कोई फायदा नहीं होता। हमसे कांग्रेस फायदा ले लेती है और हमें कुछ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि गठबंधन कर बीजेपी को सत्ता से दूर भगाएंगे।

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उन्होंने खनन घोटाले मामले में अखिलेश यादव का नाम आने को बीजेपी की चाल बताया। उन्होने कहा कि इस मसले पर बीएसपी अखिलेश यादव के साथ खड़ी है।

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