बोलते हुए भी ना बोल पाना है सबसे दर्दनाक

मानसिक स्वास्थहकलाना या रूक-रूक के बोलना हर इंसान को बुरा लगता है। यह कमी आपने कई इंसानों में देखी होगी बहुत। जिसकी वजह से उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है। यह दिक्कतें हमारी जिंदगी की सफलता में बार-बार रूकावट लाती हैं। साथ ही ये हमारे मानसिक स्वास्थ को भी नुकसान पहुंचाती हैं।

अगर आप बोलने में ज्यादा अटकतें हैं, तो यह आपके लिए बहुत घातक भी हो सकता है। क्योंकि इस अटकने वाली बोली से आप मानसिक बीमारी के शिकार हो सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि आपका बोलना आपकी मेंटल हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताता है। एक रिसर्च के मुताबिक बोलते वक्त आपकी स्पीच में बार-बार रुकावट, फिलर शब्द या वर्बल चेंज जरूरत से ज्यादा हो तो ये मेंटल डिक्लाइन की निशानी हो सकती है और इससे अल्जाइमर रोग होने की संभावना हो सकती है।

यू.एस के एक रिसर्चर ने 2 साल पहले लोगों को एक टेप सेशन में डिस्क्राइब किया था। और इसके नतीजों के मुताबिक जो लोग अर्ली माइल्ड काग्निटिव इंपेरमेंट से पीड़ित होते हैं। उनमें कम सोचने वाले लोग या जिनमें थिंकिॆग प्रॉब्लम नहीं होती उनकी तुलना से मानसिक गिरावट ज्यादा देखने को मिलती है।

यूनिवर्सेटी आफ विस्कोंसीमेडिसन के स्टडी लीडर स्ट्रेलिंग जॉनसन का कहना है कि इस स्टडी में पता चला है कि मेमोरी प्रॉब्लम के साथ लेंग्वेज प्रॉब्लम के कारण भी मानसिक गिरावट होती है। अब तक की मानसिक गिरावट के विषय में की गई स्पीच एनलिसिस सबसे बड़ी स्टडी मानी गई है और अगर ये टेस्ट कन्फर्म होता है तो मेंटल डिक्लाइन की निशानियों से पहले इसका हल निकाल सकते हैं।

हालांकि ये चिंतित करने वाली बात तो है लेकिन इतना भी चिंता ना करें क्योंकि मेंटल डिक्लाइन उम्र के कारण भी होता है जिसमें भी चीजें याद नहीं रहती है।

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