महिलाओं के साथ पुरुषों के लिए भी जरूरी है एक्सरसाइज करना, दिल के साथ दिमाग भी रहता है फिट

बहुत से लोगों में एक गलत धारणा बन गई हैं कि पुरुषों की एक्सएल साइज मांसपेशियां अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है। लेकिन यह धारणा पूरी तरह गलत है। दरअसल फिटनेस का सही अर्थ पूरे शरीर का स्वस्थ विकास होता है। एक दूबले –पतले स्फूर्ती से भरे शांत दिमाग वाला शरीर भी फिट माना जाता है। इसलिए शारीरिक व्यायाम के आलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि ऐसा आहार लिया जाए जो पूरे तन और मन को स्वस्थ और स्फूर्तिदायक रखने में सक्ष्म हो। हदृय रोग, मोटापा, स्मरण शक्ति का हास, डायबिटीज, उच्चरक्तचाप, हदृयघात, कॉलोन कैंसर और तनाव से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना नियमित रूप से एक्सरसाइज करने को ही काफी माना जाता है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से अधिक एक्टिव और फिट रहते है उन्हें हदृयघात का खतरा उन लागों के मुकाबले काफी कम रहता है जो शारीरिक रूप से कम सक्रिय और सुस्त होते है।

एक्सरसाइज करना

एक्सरसाइज न करने के नुकसान

45 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में धूम्रपान और शराब पीने की आदत के चलते उनमें मधुमेह या उच्च रक्तचाप होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। जिन लोगों को कारडियोवसक्यूलर रोग की कोई आनुवांशिक बीमारी होती है उन लोगों द्वारा नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से इन बीमारियों का खतरा 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है। हलांकि इस बात का कोई ठोस माप अब तक नहीं किया गया है कि एक्सारसाइज से हृदयघात का खतरा कितना कम होता है लेकिन इतना तो तय है कि एक्सरसाइज करने से ढेर सारे शारीरिक लाभ होते है।

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जिसमें हृदयघात के खतरे को कम करने के साथ ही उच्च रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने और मोटापा कम करना भी शामिल है। हृदयघात के खतरे को कम करने के लिए एक्सरसाइज के साथ ही आप अपने खान–पान के तौर–तरीके को भी बदले। धुम्रपान, मधपान का त्याग करे और भोजन में सेचूरेटेड फैट, अधिक मात्रा में नमक और फैटी डेयरी प्रोडक्ट का प्रयोग कम कर दे या बंद कर दे। इसके बदले में अपने भोजन में प्रचूर मात्रा में फल, हरी सब्जियां, साबूत अनाज और कम वसा वाले दुग्ध उत्पादों का सेवन करे।

पुरुषों में कोलेस्ट्रोल

मनुष्य जैसे–जैसे बूढ़ा होने लगता है उसके शरीर के रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने लगती है। शरीर में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन जैसे खराब किस्म के कोलेस्ट्रोल की मात्रा धीरे–धीरे बढ़ने लगती है और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन नामक अच्छे घनत्व वाले कोलेस्ट्रोल की मात्रा का धीरे–धीरे रक्त में क्षय होने लगता है। कम घनत्व और उच्च घनत्व वाले प्रोटीन दोनो के असंतुलन से हृदय रोग का जन्म होता है और जब ये अधिक मात्रा में रक्त के धमनी के नीचले सतह पर जमा होने लगता हैं तो मरीज को हृदयघात का खतरा पैदा हो जाता है। रक्त में निम्न घनत्व वाले कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने के लिए भोजन में सेचूरेटेड फैट का प्रयोग कम करे और नियमित रूप से एक्सरसाइज करे । अध्ययन में पाया गया है कि निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन को कम करने से रक्त में उसके अनुपात में चार प्रतिशत उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन की वृद्धि होती है जो हृदयघात के खतरे को कम करने में काफी प्रभावशाली भूमिका निभाती है।

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50 की उम्र के बाद ऐसे रहें फिट

50 वर्ष की आयु पार कर लेने के बाद इंसान को एक तरह का सुखद अनुभव प्राप्त करने जैसा होता है और इस उम्र के बाद वो जीवन के एक दूसरी पारी की शुरूआत करता है। जीवन की इस नई पारी की शुरूआत को लेकर लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की चिंताए सताने लगती है। लेकिन देखा जाए तो वास्तव में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक्ता बढने और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के कारण मनुष्य की जीवन प्रत्याशा बढी है और पचास साल की आयु पार कर चुका आदमी भी अब स्वास्थ्य और सक्रिय जीवन जीने लगा है। उम्र बढने के साथ -साथ  कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती है, इसलिए यह जरूरी है कि बढती उम्र में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए समय रहते तैयार हो जाए। आदमी पूर्ण रूप से स्वस्थ्य तभी माना जाता है जब वह शरीर के साथ मन और मस्तिष्क से भी स्वास्थ्य हो। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर एहतेयाती उपायों को अपनाकर और नियमित रूप से स्वास्थ्य की देखभाल कर मनुष्य बढती उम्र में होने वाली आम स्वास्थ्य समास्याओं से छुटकारा पा सकता है।

 

 

 

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