महिलाओं की जासूसी के लिए गूगल और एपल ने बनाया ऐप, इस तरह करता है काम

सैन फ्रांसिस्को। महिलाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नई तकनीक इजाद की गई है, जिसको लेकर गूगल और एपल को दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, गूगल और एपल ने एक ऐप बनाया है, जिसके माध्यम से मर्द अपने अपनी पत्नी या अपने घर की महिलाओं पर नजर रख सकेगा।

यह ऐप खासकर सऊदी अरब के लिए तैयार किया गया है और शायद के वहां के पितृसत्ता समाज को यह पंसद भी आ रहा है। इस ऐप के माध्यम से सऊदी के पुरुष अपने देश से बाहर जा रही घर की महिलाओं पर नजर रख सकेंगे। हालांकि, इन दोनों टेक कंपनियों के खिलाफ ह्यूमन राइट एक्विटविस्ट से लेकर लोगों ने आपत्ति व्यक्त की है।

अमेरिकी वेबसाइट ‘इनसाइडर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में सरकार की अनुमति के बाद ‘एब्शर’ (Absher) नाम का ऐप लॉन्च हुआ है। महिलाओं के बॉर्डर क्रॉस होने पर यह ऐप उस महिला के पति या उनके परिवार के किसी भी मर्द सदस्य के सूचना दे देगा। जब महिला बॉर्डर पर अपना पासपोर्ट दिखाएगी, उस वक्त घर के पुरुष सदस्य को इसके बारे में मैसेज के जरिए सूचना मिल जाएगी।

इस ऐप ने सऊदी में आजाद ख्याल रखने वाली और अपना मुल्क छोड़ने वाली महिलाओं के लिए अब दिक्कत खड़ी कर दी है। गूगल स्टोर से अब तक 10 लाख बार डाउनलॉड किये जा चुके इस ऐप के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए अमेरिकी कंपनियां गूगल और एपल पर स्री द्वेष को बढ़ावा देने और लिंगभेद को बल देने का आरोप लगाया जा रहा है।

इस रिपोर्ट के बाद अब तक न तो गूगल और न ही एपल ने अपना पक्ष रखा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट वॉच और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध जताया है।

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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि यह ऐप महिलाओं की आजादी को न सिर्फ कम करेगा, बल्कि उन्हें खतरे में भी डालेगा। ह्यूमन राइट वॉच ने कहा कि गूगल और एपल ने महिलाओं खतरे में डालने और उनके शोषण को बढ़ावा देने जैसा खतरनाक काम किया है। उनके अनुसार, ‘इस तरह के ऐप महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के साथ-साथ मानवाधिकारों के हनन को बढ़ावा दे सकता है।’ एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गूगल और और एपल को कॉल कर इसे बदलने की मांग की है।

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